पंजाब में सियासी दलों को नई-नई परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। इस बार पद्मश्री संत बलबीर सिंह सीचेवाल के तमाम तरह के पर्यावरणीय मसलों को मुद्दा बनाकर गांव-गांव में सवाल उठाने के लिए नई योजनाबंदी पर काम शुरू कर दिया गया है।
अब गांव-गांव में हाथ जोड़कर आने वाले ‘नेता जी’ के सामने लोग पर्यावरण शुद्धिकरण के सवाल उठाएंगे।
इसके लिए निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी में संत बलबीर सिंह सीचेवाल की रहनुमाई में तमाम संत-समाज की ओर से पंजाब वातावरण लहर का गठन करके अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं, जिससे अब पर्यावरण संरक्षण के लिए नेता जी की ‘मीठी गोली’ काम नहीं आने वाली है।
पंजाब चुनाव की खबर
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IAS अधिकारी काहन सिंह पन्नू बने कन्वीनर
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोधी में पवित्र काली बेईं के किनारे निर्मल कुटिया में सूबे भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यशील संगठनों की आयोजित एक अहम बैठक में पंजाब वातावरण चेतना लहर का गठन किया गया।
इसका कन्वीनर सेवामुक्त आईएएस अधिकारी काहन सिंह पन्नू को बनाया गया है। इस बैठक में अहम फैसला लिया गया कि इस बार चुनाव के दौरान सियासी दलों को वातावरण के मुद्दे को गंभीरता से उठाने के लिए लोगों की ओर से दबाव बनाया जाएगा।
इस वातावरण चेतना लहर का नेतृत्व पद्मश्री पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल, पिंगलवाड़ा की मुख्य सेवादार बीबी इंद्रजीत ,पद्मश्री संत सेवा सिंह खडूर साहिब वाले, श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह करेंगे।
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अब जनमुद्दा बनेगा पर्यावरण
बताया जा रहा है की इस संगठन का अगला जलसा लुधियाना में दिसंबर के तीसरे हफ्ते में किया जाएगा। इस बैठक में करीब 12 से ज्यादा संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और पंजाब में पर्यावरण के पक्ष से गंभीर हो रहे हालात पर चिंता और चर्चा की गई। पर्यावरण को जनमुद्दा बनाने के लिए सूबे के विभिन्न जिलों में मीटिंग्स व सेमिनार करवाए जाएंगे।
संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि आज पर्यावरण को बचाना समय की मुख्य जरूरत है। तरक्की के नाम पर हम पर्यावरण का इतना हनन कर लिया है कि न तो हमारी हवा, पानी और न ही हमारी खुराक शुद्ध रही है।
सोने की चिड़िया कहलवाने वाला पंजाब में पर्यावरण का मुद्दा मौत का मुद्दा बन चुका है। मुनाफाखोरी की दौड़ ने बहुत कुछ बिगाड़ कर रख दिया है।
इस बार पर्यावरण को मुख्य मुद्दे के तौर पर उभारना चाहिए और वोट मांगने आने वाले नेताओं से पर्यावरण के मुद्दे पर सवाल करने चाहिए, क्योंकि शुद्ध हवा पानी और खुराक हमारा ही नहीं, बल्कि हमारी आने वाली भावी पीढ़ियों और पशु पक्षियों का मौलिक अधिकार है।
बता दे की इस बैठक में खेती विरासत मिशन के उमेंद्र दत्त, गुरप्रीत सिंह प्रधान भाई घनैया कैंसर रोको सेवा सोसायटी, गुरचरण सिंह नूरपुर जीरा, राजबीर सिंह पिंगलवाड़ा अमृतसर, गुरबिंदर सिंह बाजवा, इंजी. कपिल अरोड़ा, बलबीर सिंह कार सेवा खडूर साहिब वाले, एडवोकेट जसविंदर सिंह, पलविंदर सिंह सहारी, जसकीरत सिंह, राजिंदर सिंह धरांगवाला,सुरजीत सिंह शंटी और अन्य प्रतिनिधि- संतोख सिंह, सुखप्रीत सिंह, उपस्थित थे।