अब भारतीय जनता पार्टी पंजाब में खुलकर मैदान में आ गई है और सबसे पहले उसने अकाली दल पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। भारतीय जनता पार्टी ने अकाली दल के दिग्गज मनजिंदर सिंह सिरसा और सुखबीर के पूर्व ओएसडी परमिंदर बराड़ को पार्टी में शामिल करवाया है।
इसके बाद अब कई नेताओं को शामिल करने के लिए टीम को काम पर लगाया गया है। आने वाले दिनों में अकाली दल व कांग्रेस के कई दिग्गज भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
बताया जा रहा है की भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं को टास्क देकर मैदान में उतार दिया गया है। पार्टी की नीति इशारा कर रही है कि इस बार वह अपनी छाप के मुताबिक हिंदू चेहरों के साथ सिखों को भी आगे करेगी।
इसी कड़ी में पंजाब से सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन लगाया गया है। मनजिंदर सिंह सिरसा के बाद भाजपा के कई नेता पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा से भी संपर्क साध रहे हैं। चंदूमाजरा अकाली दल के काफी वरिष्ठ नेता हैं।
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सुखबीर के नजदीकियों पर शिकंजा कस चुकी हैं – केंद्रीय एजेंसियां
बता दे की केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पिछले दिनों लुधियाना के वरिष्ठ अकाली नेता मनप्रीत सिंह अयाली और जुझार बस के मालिक गुरदीप सिंह के ठिकानों पर छापे मारे, जो सुखबीर बादल के नजदीकी माने जाते हैं।
पंजाब भाजपा प्रभारी दुष्यंत कुमार ने बयान दिया था कि वह पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से समझौते के लिए तैयार हैं, लेकिन इस बार अकाली दल को छोटे भाई के रूप में आना होगा। वहीं अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल कह चुके हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी से कोई समझौता नहीं करेंगे।
इसके बाद से भाजपा साफ कह रही है कि अब अकेले 117 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। भले ही इसकी शुरुआत भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली से की है, लेकिन इसका सीधा असर पंजाब पर भी पड़ेगा। आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी पंजाब में भी कई नए सियासी खुलासे कर सकती है।
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पार्टी का दमदार चेहरा थे सिरसा
सिखों के लिए पूरे भारत में उनका कार्य अतुलनीय है। अकाली दल को अब अपने घर की चिंता सताने लगी है। अकाली दल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है, अपने घर को संभालना भी जरूरी हो गया है। अकाली दल से पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींढसा और रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा अलग हो चुके हैं और अपना धड़ा चला रहे हैं।
बादल परिवार ने की सिखों से गद्दारी
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि सिरसा पर पहला पर्चा दर्ज नहीं हुआ है। पर्चे तो पहले भी दर्ज थे। बाकी रही बात सर्जिकल स्ट्राइक की तो आने वाले दिनों में बहुत कुछ होगा। सिख कौम के साथ गद्दारी बादल परिवार ने की है, उनको इसकी सजा भुगतनी होगी। सिखों में अकाली दल बादल के प्रति रोष है और लोग पार्टी खुद छोड़ रहे हैं।
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भाजपा मजबूत हो रही है और पंजाब के लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। यह किसी से छिपा नहीं है कि पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के असली दोषी कौन है? किसने सिख पंथ को कमजोर किया? आरपी सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में कई नेता अकाली दल छोड़कर भाजपा में आने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी उनका स्वागत करेगी, किसी को जोर जबरदस्ती नहीं लाया जा रहा, बल्कि सिखों का भाजपा में विश्वास बढ़ रहा है।