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ऑस्ट्रेलिया ने दिया चीन को बड़ा झटका

चीन की मनमानियों के चलते आए दिन अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उसकी छिछालेदारी होती ही रहती है। इधर आर्थिक रूप से कमजोर देशों पर दादागिरी दिखाने और चीनी क़र्ज़ के जाल में फँसाने के मामले चल हाई रहे थे कि तभी एक और बड़ी खबर आमने आए है।

मामला यह है कि सभी बड़े देशों ने चीन में 2022 में आयोजित होने वाले शीतकालीन ओलम्पिक खेलों का बहिष्कार शुरू कर दिया है।

इन खेलों के बहिष्कार करने वाले ने देशों की सूची में अभी नया नाम आस्ट्रेलिया का है।

ऑस्ट्रेलिया ने भी बीजिंग ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है।इससे चीन को बड़ा झटका लग गया है।

ऑस्ट्रेलिया ने दिया चीन को बड़ा झटका

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की बात कही है।

गौरतलब है कि इससे पहले चीन के कमजोर मानवाधिकार रिकॉर्ड के कारण अमेरिका ने 2022 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों का कूटनीतिक बहिष्कार करने की घोषणा पहले ही कर दी थी।

वहीँ चीन के लिए अमेरिका के इस कदम को कड़ा संदेश माना जा रहा था।इसके साथ ही अमेरिका के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि अमेरिका का खेलों के राजनयिक बहिष्कार का फैसला ओलंपिक भावना का उल्लंघन है।

क्या है राजनयिक बहिष्कार

आपको बता दें कि यह एलान अमेरिका ने ऐसे समय पर किया है जब चीन ने इस तरह के राजनयिक बहिष्कार के खिलाफ ‘जवाबी कार्रवाई’ करने का संकल्प लिया है।

इस दौरान व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि अमेरिकी खिलाड़ी इन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेंगे तथा खिलाड़ियों को हमारा पूरा समर्थन मिलेगा लेकिन हम खेलों से जुड़े विभिन्न समारोहों का हिस्सा नहीं बनेंगे। वाशिंगटन ने महीनों तक विचार के बाद यह फैसला लिया है। 

आपको बता दें कि शीतकालीन ओलंपिक्स अगले वर्ष यानी 2022 के फरवरी महीने में आयोजित होगा। इस दौरान साकी ने कहा कि चीन के शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और अत्याचार को देखते हुए अमेरिकी राजनयिक इन खेलों को आम घटनाक्रम की तरह लेंगे।

हम चीन और उसके बाहर मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहेंगे।गौरतलब है कि चीन पर शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकार हनन के कई आरोप लगे हैं।

चीन की आपत्ति

किसी भी देश के लिए ऐसे बहिष्कार अपमानजनक तो हैं ही साथ निहित कारणों के लिए प्रतिबद्धता को भी इंगित करते हैं। एक ओर जहां विनाशकारी जीवाणु और कोरोना के प्रसार के लिए चीन को दबाव का सामना करना पद रहा है तो दूसरी ओर अब ओलम्पिक खेलों का बहिष्कार निश्चित ही एक बड़ा झटका है।

हालाँकि अमेरिकी फैसले पर आपत्ति जताते हुए चीन ने चेताया कि यदि वाशिंगटन फरवरी के शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करता है तो बीजिंग इस पर जवाबी कार्रवाई करेगा।

इस दौरान अमेरिका में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियु पेंग्यु ने कहा कि यदि अमेरिका ऐसा करता है तो यह राजनीतिक तौर पर भड़काने वाली कार्रवाई होगी।

इसके आलावा चीन ने कहा कि यह कदम दिखावापूर्ण और ओलंपिक चार्टर भावना की गंभीर विकृति है।

वहीँ पेंग्यु ने बाइडन प्रशासन का फैसला एक सियासी हेरफेर बताते हुए कहा कि इसका आयोजन की सफलता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के कूटनीतिक बहिष्कार के बारे में अमेरिकी फैसले से कनाडा अवगत है और इस मामले में सहयोगियों के साथ परामर्श जारी रखे हुए है।

इस दौरान ग्लोबल अफेयर्स कनाडा के प्रवक्ता क्रिस्टेल चार्टेंड ने कहा है कि चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन की परेशान करने वाली रिपोर्टों से कनाडा भी काफी परेशान है।

इसके साथ ही इटली ने कहा कि वह फिलहाल बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के अमेरिकी राजनयिक बहिष्कार में शामिल होने की योजना नहीं बना रहा है।

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