Written By : Amisha Gupta
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बंगाल और झारखंड के कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसका संबंध बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े धन शोधन मामले से बताया जा रहा है।
यह छापेमारी विभिन्न संदिग्ध व्यक्तियों और कंपनियों के ठिकानों पर की गई, जिन पर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से दाखिल कराने और उन्हें पहचान दस्तावेज़ उपलब्ध कराने में शामिल होने का आरोप है।ईडी के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क कथित तौर पर बांग्लादेशी नागरिकों को झारखंड और पश्चिम बंगाल में बसाने और भारतीय पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड आदि प्राप्त करने में उनकी मदद करता है। इसके बाद ये व्यक्ति भारत में व्यापार करने, नौकरी पाने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो जाते हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि इस नेटवर्क से अवैध रूप से बड़ी मात्रा में पैसे का लेनदेन हुआ है, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अपराध है।
ईडी ने अपनी छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं, जो इस नेटवर्क के काम करने के तरीकों को समझने में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ प्रमुख लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। ईडी का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क काफी संगठित तरीके से काम करता है और इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं।यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि भारत में घुसपैठ की समस्या लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है। बांग्लादेश से अवैध रूप से आए लोग सीमावर्ती क्षेत्रों में बस जाते हैं और इससे स्थानीय जनसंख्या पर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ता है। इन घुसपैठियों को भारतीय पहचान दस्तावेज़ मिलने से उनकी पहचान वैध बन जाती है, जिससे इनकी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
इस मामले में ईडी को संदेह है कि यह नेटवर्क मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध व्यापार में भी लिप्त हो सकता है, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
एजेंसी इस जांच को और गहराई से कर रही है ताकि इस नेटवर्क के सभी सदस्यों का पता लगाया जा सके और इसके प्रमुख संचालकों को कानून के दायरे में लाया जा सके।अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को रोकना ही नहीं है, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को भी रोकना है। ईडी की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी अहम है, क्योंकि इससे भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों के नेटवर्क को खत्म करने में मदद मिल सकती है। इस छापेमारी के बाद से यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध प्रवासियों की समस्या के प्रति सरकार के रुख का संकेत मिलता है।