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बसंत पंचमी पर इस समय करें पूजा, होगा लाभ

सेंट्रल डेस्क, ज्योति :   सरस्वती मां हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से है। इस बार इस पर्व को दो दिन मानाया जाएगा। 9 फरवरी और 10 फरवरी। यह त्योहार हर साल माघ महिने के पक्ष की पंचमी तिथि पर मानाया जाता है। सरस्वती माता विभिन्न नामों से भी जानीं जाती हैं  – श्वेतपद्मासना, शारदा,वाणी, वाग्देवी, भारती, वागेश्वरी श्वेत वस्त्रधारिणी, इत्यादि कहा जाता है कि माता की उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन जाते हैं।

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जानें सरस्वती पूजा मुहूर्त 2019
10 फरवरी 2019
वसंत पंचमी पूजा मुहूर्त = 07:07
मुहूर्त की अवधि = 5 घंटे 34 मिनट

पंचमी तिथि = 09 फरवरी 2019, शनिवार को 12:24 बजे प्रारंभ होगी।
पंचमी तिथि = 10 रविवार 2019, रविवार को 14:09 बजे समाप्त होगी।

माँ सरस्वती की पूजा करने वाले को सबसे पहले सरस्वती की प्रतिमा को शुद्ध या नवीन श्वेत वस्त्र पर अपने सामने रखना चाहिए।
“ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:॥”

इन मंत्रों को पढकर अपने ऊपर तथा आसन पर तीन-तीन बार कुशा या पुष्पादि से छींटें लगाने चाहिए। पुनः निम्न मंत्र से आचमन करना चाहिए। ऊं केशवाय नम: ऊं माधवाय नम:, ऊं नारायणाय नम:, बोलकर फिर हाथ धोनी चाहिए। उसके बाद फिर से आसन शुद्धि मंत्र बोलने चाहिए ।

ऊं पृथ्वी त्वयाधृता लोका देवि त्यवं विष्णुनाधृता। त्वं च धारयमां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥

आसन शुद्धि और आचमन के बाद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। तिलक हमेशा अनामिका उंगली से ही लगाना चाहिए। चन्दन लगाते समय निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

‘चन्दानस्य् महत्पुिण्यम् पवित्रं पापनाशनम्, आपदां हरते नित्याम् लक्ष्मीम तिष्ठ:तु सर्वदा।’

इसके बाद सरस्वती पूजन के लिए संकल्प लेना चाहिए, बिना संकल्प लिए की गयी पूजा सफल नहीं होती है इसलिए संकल्प जरूर लेनी चाहिए। संकल्प लेने के बाद हाथ में फूल अक्षत, फल और मिष्ठान लेकर ‘यथोपलब्धपूजनसामग्रीभिः भगवत्या: सरस्वत्या: पूजनमहं करिष्ये |’ इस मंत्र का उच्चारण करते हुए हाथ में रखी हुई सामग्री मां सरस्वती के सामने समर्पित कर देना चाहिए। इसके बाद गणपति जी की पूजा विधिवत करे पुनः कलश पूजा करनी चाहिए। उसके बाद सरस्वती की पूजा करनी चाहिए।

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