दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों अंतरिम जमानत पर बाहर हैं और चुनावी प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद एक बार फिर से उन्हें जेल जाना होगा। अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तार होने के बाद भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था तो अब ऐसे में एक बड़ा सवाल सामने आ रहा है कि अगर केजरीवाल वाकई में दोषी पाए गए और कोर्ट के द्वारा उन्हें सजा सुना दी जाती है तो इन परिस्थितियों में भी क्या वो दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या उन्हें सीएम पद से त्यागपत्र देना होगा? इस संबंध में केजरीवाल की क्या योजनाएं हैं इसका खुलासा खुद उन्होंने नवभारत टाइम्स के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान किया।
दिल्ली में छठे चरण का मतदान 25 मई को होने जा रहा है और उससे ठीक पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनबीटी के साथ बातचीत में बताया कि गिरफ्तारी होने के बाद भी उन्होने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और अगर सजा सुना दी जाती है तो क्या वो इस्तीफा देंगे या नहीं? अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोग तो यही चाह रहे थे कि मैं इस्तीफा दें दूं और फिर उसके बाद ये हमारी सरकार को गिरा देते। केजरीवाल ने साफ तौर पर कहा कि मैं किसी पद का लालची नहीं हूं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनकम टैक्स कमिश्नर जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देकर कई सालों तक उन्होंने झुग्गियों में काम किया है। केजरीवाल का कहना है कि मैं अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं कर सकता हूं इसलिए 49 दिन की अपनी सरकार को छोड़ने में उन्होंने देर नहीं लगाई।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि असल में एक साजिश के तहत मुझे झूठे केस में फंसाकर गिरफ्तार किया गया। भाजपा की जहां सरकार नहीं होती है वहां पर ये लोग इसी तरफ विपक्षी नेताओं पर फर्जी केस दर्ज कराकर और झूठे मामलों में गिरफ्तार करके विधायकों को तोड़कर सरकार बना लेते हैं। केजरीवाल ने कहा कि हमने तो जनता के बीच जाकर ये भी पूछा कि क्या मुझे इस्तीफा देना चाहिए लेकिन जनता ने एक सुर में में मुझसे कहा कि इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
कोर्ट द्वारा दोषी साबित हो जाने और सजा सुनाए जाने के बाद क्या केजरीवाल इस्तीफा देंगे इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर किसी केस में दो साल से कम की सजा है तो मुझे अपने पद से इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि 2 साल से कम की सजा होने पर कानून के तहत मैं विधायक, मंत्री और सीएम बने रह सकता हूं और जेल में रहते हुए भी सरकार चला सकता हूं। केजरीवाल ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव के बाद हम सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दाखिल करके कोर्ट से अपील करेंगे कि हमें जेल से सरकार चलाने की अनुमति दे और इसके लिए बेसिक सुविधाएं जेल में मुहैया कराई जाएं।
हम आपको बता दें कि इस दौरान उन्होंने ये भी साफ कर दिया वो प्रधानमंत्री बनने की रेस में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी छोटी सी पार्टी है और हम 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम लोग इस देश को और इसके जनतंत्र को बचाने के लिए साथ आए हैं। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह से लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है, अगर ये दोबारा सरकार में आ गए, तो सारे विपक्ष को ही जेल में डाल देंगे।