बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पीने वालों को जमकर खरी-खरी सुनाई है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा अगर आपको शराब पीना है तो बिहार मत आइए।हम यहां कभी भी दारू पीने की इजाजत नहीं देंगे।आगे उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद भी बिहार में दो करोड़ पर्यटक आए हैं।यह पहले की तुलना में काफी अधिक है।
18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं शराब के कारण
आपको बता दें सीएम नीतीश ने साराराम में समाज सुधार अभियान के उद्घाटन के मौके पर जनता को सम्बोधित करते हुए कि शराबबंदी की बात बापू की बात है।बापू न कहा था कि मुझे एक घंटे के लिए भारत का तानाशाह बना दीजिए तो शराब दुकानों को बिना क्षतिपूर्ति के बंद करा दूंगा।आगे सीएम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट में कहा गया है कि आपसी झगड़े 18 प्रतिशत शराब के कारण होती है।आगे कहा दुनिया भर में 27 प्रतिशत लोग सड़क दुर्घटना में शराब पीकर वाहन चलाने से मरते हैं।शराब से दो सौ बीमारियां होती है।यह जन-जन तक आप सभी लोगों को बताएं।क्योंकि शराब के कारण जब इतनी परेशानियां होती है तो इसे हाथ ही क्यों लगाएं।
शराब पीने से 44 लोगों की मौत
इसके अलावा सीएम नितीश ने कहा कि हमने नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाकर 2017 में मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को जागरुक किया है और दहेज प्रथा पर रोक तथा बाल विवाह प्रतिबंध पर 2018 में मानव श्रृंखला बना जागरुक किया गया।बता दें कि जहरीली शराब पीने से 44 लोगों की मौत हुई है.जिसके बाद एक बार फिर शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है ,आगे सीएम ने कहा कि पिछले 16 वर्षों में बच्चों की पढ़ाई स्वास्थ्य समाज में बेहतरी के लिए काम किया गया है।हम सेवा में विश्वास करते हैं।समाज सुधार अभियान इसी कड़ी में है। 2015 में बिहार की महिलाओं ने शराब बंदी की मांग की थी।जिसके बाद 26 नवंबर 2015 को इसे बंद किया गया है।
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शराब पीने के गिनाए नुकसान
मौके पर सीएम नितीश से पहले बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि महिला और पुरुष परिवार की इकाई के महत्वपूर्ण अंग हैं।नशाखोरी के कारण एक अंग अपंग हो जाता है।जिसके बाद परिवार के आगे बढ़ने की क्षमता खत्म हो जाती है।नशे को दूर कर के ही परिवार समावेशी विकास की ओर बढ़ सकेगा।आगे उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई जरूरी है।बेटियां जब उन्मुक्त होकर पढ़ेंगी, तभी विकास के बारे में सोच पाएंगी।इसके अलावा उन्होंने कहा कि समय से पहले बेटी की शादी कर देना उसके प्रति अपराध है।
दहेज की बुराई पर सीएम ने किया तीखा प्रहार
इसके साथ ही सीएम नीतीश ने दहेज की बुराई करते हुए लोगों से अपील की कि चाहे कितने भी करीबी रिश्तेदार के घर शादी हो,अगर वो दहेज ले रहा हो तो शादी में न जाएं।आगे उन्होंने कहा कि तय कर लिया है कि अब उसी के यहां शादी में जाऊंगा जो लिखकर देगा कि दहेज नही लूंगा तथा वास्तव में दहेज नहीं लेगा।इस दौरान सीएम नीतीश से पहले कार्यक्रम में एक बच्ची ने बताया कि जब कम उम्र में उसकी शादी तय कर दी गई तो कैसे जीविका दीदी ने उसके माता-पिता को समझाया और माता-पिता उसकी शादी टालने पर तैयार हो गए। बच्ची ने कहा कि वह अब 21 साल से पहले शादी नहीं करेगी। वह डॉक्टर बनेगी।