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CBI में चल रहे विवाद ने एक बार फिर से आग पकड़ ली है. 24 घंटो के भीतर ही उनको उनके पद से हटा दिया गया है. जिसके बाद आलोक वर्मा ने दावा किया है कि उनका तबादला उनके विरोध में रहने वाले एक व्यक्ति की ओर से लगाए गए झूठे, निराधार और फर्जी आरोपों के आधार पर किया गया.
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने भ्रष्टाचार और कर्त्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में गुरुवार को आलोक वर्मा को पद से हटा दिया इस मामले में अलोक वर्मा ने अपना बयान देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करने वाली महत्वपूर्ण एजेंसी होने के नाते CBI की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित रखना चाहिए.
लेकिन कोई मुझको ऐसा करने नहीं दे रहा. वो लोग सीबीआई की स्वतंत्रता को सुरक्षित नहीं रखना चाहते. से केन्द्र सरकार और सीवीसी के 23 अक्टूबर, 2018 के आदेशों में देखा जा सकता है जो बिना किसी अधिकार क्षेत्र के दिए गए थे और जिन्हें रद्द कर दिया गया. और इन सबके बाद एक बार फिर से राहुल गाँधी ने पीएम मोदी पर जम कर वार किया और कहा कि मोदी जी को किस बात का दर है उनको रात में नींद नहीं आती.
आपको बता दे की भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के कारण आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा। जांच एजेंसी के 50 साल से अधिक के इतिहास में यह अपनी तरीके का पहला मामला है.