11 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे. चेन्नई में दोनों नेताओं की मुलाकात होगी. दोनों वैश्विक नेता चार अलग-अलग बैठकें करेंगे जिसकी समयावधि पांच घंटे या 315 मिनट तक होगी. इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग समुद्र किनारे बने रिसॉर्ट में रहेंगे जहां से बंगाल की खाड़ी का नजारा दिखता है. सूत्रों की मानें तो यह बैठक अनौपचारिक है, इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच किसी भी तरह के किसी समझौता या समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर नहीं होंगे और न ही कोई संयुक्त विज्ञप्ति जारी की जाएगी. बताया यह भी जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ चीन के विदेश मंत्री और पोलित ब्यूरो सदस्य भी भारत आएंगे.
जिनपिंग 24 घंटों के चेन्नई और उसके आस-पास बिताएंगे. वह शुक्रवार को डेढ़ बजे चेन्नई पहुंचेंगे और अगले दिन लगभग इसी समय अपने देश वापस चले जाएंगे. दोनों नेता महाबलिपुरम के तीन प्रसिद्ध स्मारकों और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जिसमें एक घंटे का समय लगेगा. कुल मिलाकर मोदी और जिनपिंग लगभग सात घंटे एकसाथ रहेंगे.
आपको बता दें दोनों नेता शुक्रवार शाम को पांच बजे अपनी अनौपचारिक बैठक की शुरुआत करेंगे. दोनों एक घंटे लंबे टूर में तीन स्मारकों- अर्जुन की तपस्या स्थली, पंच रथ और मल्लपुरम के शोर मंदिर की यात्रा करेंगे. इसके अलावा दोनों नेता शोर मंदिर पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे.
माना यह जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एनएसी) को स्थिर रखने और व्यापार संबंध चर्चा के केंद्र बिंदु हो सकते हैं. बैठक में सीमा विवाद समाधान के अगले चरण की योजना बनाने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीन को अधिक भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के उपायों पर चर्चा हो सकती है.
President of China, Xi Jinping will visit Chennai from October 11-12 for the 2nd Informal Summit between India and China. pic.twitter.com/6CZur0tOBT
— ANI (@ANI) October 9, 2019
इसके अलावा बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार गलियारे की प्रगति पर भी ध्यान दिया जाएगा क्योंकि यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से बाहर है. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शी जिनपिंग को इस बात का आश्वासन देंगे कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र प्रशासित प्रदेश में तब्दील करने से वास्तविक नियंत्रण रेखा प्रभावित नहीं होगी.
Written by – Ashish kumar
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