देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट के पास नए संसद भवन बनने मंजूरी मिल गई है. इसके लिए अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत से फैसला देते हुए कहा, ‘हम मानते हैं कि दी गई मंजूरी में कोई अड़चन नहीं है, बता दें कि इसके लिए अदालत पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखने और वायुमंडलीय प्रदूषण रोकने की कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी है।
कोर्ट ने कहा कि डीडीए एक्ट के तहत शक्ति का प्रयोग न्यायोचित और वैध है। और बताया कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की मंजूरी आवश्यक है। अदालत ने परियोजना समर्थकों को समिति से अनुमोदन प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
याद दिला दें कि पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले ही संसद की आधारशिला रखी थी. लेकिन सरकार ने अदालत को वादा किया था कि जब तक अदालत इसपर कोई फैसला नही करती तब तक इसपर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा. परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित हुआ था।
नए संसद भवन बनाने की घोषणा साल 2020 सितंबर में हुई थी, जिसमें एक नए त्रिभुजाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है। यह परियोजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है।