नोएडा के गढ़ी चौखंडी से एक पांच मंजिला इमारत में आग लगने की खबर सामने आई
यह घटना तब हुई जब सभी सो रहे थे। बताया जा रहा है कि आग इमारत के निचले हिस्से में लगी थी। जिसके बाद ऊपर के चार फ्लैटों में रह रहे 20 आदमियों की जान संकट में पड़ गई थी। क्योंकि इमारत से बाहर निकलने का केवल एक ही रास्ता था जो कि ग्राउंड फ्लोर से होकर जाता था।
जानकारी के मुताबिक आग की लपटे देकर लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। जब नीचे से उतरने का नीचे से बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला तो लोग गैस की पाइप लाइन पकड़ के नीचे उतरने लगे। इसी बीच फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाले नरेंद्र ने अपनी मां को ऊपर से फेंक कर जान बचाई। लोगों के सुरक्षित बाहर आ जाने पर भगदड़ शांत हुई और सभी लोगों की जान में जान आई।
पड़ोस में रहने वाले ब्रजेश का कहना है कि वह अपने भाई के साथ वहां रहता हैं। इस हादसे को देख दोनों सहम गए थे।
जानकारी के मुताबिक जिस मकान में आग लगी वह गैर कानूनी तरीके से बनाया गया था उसके साथ-साथ अन्य कई मकान भी अवैध रूप से बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी इमारतों के बनाने की मनाई होने के बावजूद भी बिल्डर छोटी गलियों रास्तों में बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर देते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक इस इमारत में आग लगने की वजह ऐसी का फटना था। जिसमें दो बहनों की जलकर मौत हो गई। जबकि माता, पिता और भाई गंभीर रूप से झुलस गए। तीनों को ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि सोमवार सुबह हुए हादसे के बाद पांच मंजिला इमारत और आसपास इलाके में अफरातफरी मच गई। ऊपरी मंजिल पर बने चार फ्लैटों में रहने वाले 20 लोगों ने बांस की सीढ़ियों व गैस पाइप लाइन के सहारे उतरकर अपनी जान बचाई। तीन दमकल वाहनों ने करीब 30 मिनट में आग पर पूरी तरह काबू पा लिया।