सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता :- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले छोटी काशी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इस बात की तस्दीक महिलाओं की सुविधा के लिएखोले महिला थाने कर रहे हैं। प्रदेश में जिला मंडी, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर, सोलन, बद्दी, ऊना समेत11 महिला थाने चल रहे हैं। लेकिन, महिला अत्याचार के सबसे अधिक 97 मुकदमे मंडी जिले में दर्ज हैं। जनवरी, 2018 से 31 जुलाई, 2019 तक मंडी जिले के महिला पुलिस थाने में दुष्कर्म के 17, अपहरण के 6, महिला उत्पीड़न के 34, लज्जा भंग करने और छेड़छाड़ के15, आईटी और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में 2-2 और अन्य विभिन्न धाराओं में कुल 97 मामले दर्जहैं।
मंडी जिले के सरकाघाट थाने के अंतर्गत बुजुर्ग महिला के मुंह में कालिख पोतने और जूतों की माला पहनाकर सड़क पर घसीटने सेदुनिया भर में देवभूमि शर्मसार हुई है।
91 मुकदमों के साथ सोलन जिले का बद्दी महिला थाना प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। बद्दी में महिला अत्याचार के अधिक मामले दर्ज होनेके पीछे एक बड़ी वजह औद्योगिक क्षेत्र है। जहां पर हजारों की संख्या में महिलाएं विभिन्न उद्योगों में काम कर रही हैं। वहीं, प्रवासी लोगोंकी संख्या भी इस महिला थाना के अंतर्गत अधिक है। जिसके चलते यहां पर दुष्कर्म के 33 और अपहरण के 27 मुकदमे दर्ज हैं। प्रदेश मेंसबसे कम मामले चंबा जिले में दर्ज हैं।
किस जिले में कितने मामले
यहां दुष्कर्म के महज 2, महिला उत्पीड़न के 2 और लज्जा व छेड़छाड़ का एक मामला दर्ज है। पिछले साल वर्ष 2018 में प्रदेश के 11 महिला थानों में 281 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस वर्ष जुलाई माह तक 258 मामले दर्ज हो चुके हैं। शराब के अवैध कारोबार में भीमहिलाएं आगे हैं।
विभिन्न थानों में महिलाओं पर एक्साइज एक्ट में कुल 18 मामले दर्ज हैं, जिसमें से 12 मामले अकेले कुल्लू जिले में दर्ज हैं। उधर, पुलिसमहानिदेशक एसआर मरडी ने कहा कि सरकाघाट थाने के तहत बुजुर्ग महिला से क्रूरता मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।सभी आरोपी सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि वह अभी फ्लाइट में हैं, अधिक जानकारी संबंधित पुलिस मुख्यालय से हासिल करसकतेे हैं।
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