सेंट्रल डेस्क हीता रैना :-
जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में भले ही बीजेपी की मदद से सरकार चला रहा हो, मगर दोनों दलों की दोस्ती झारखंड में इसी साल होने वाले चुनाव में कसौटी पर होगी. जेडीयू अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर यह संकेत दे चुका है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के रण में वह बीजेपी के साथ नहीं, बल्कि सामने होगा.
ऐसा नहीं कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू की दोस्ती सहज है. यहां भी कई मुद्दों पर इन दोनों पार्टियों के नेता आमने-सामने आते रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव में हालांकि जेडीयू के नेता जिस तरह बीजेपी सरकार को लेकर आक्रामक हैं, उससे यह तय है कि इस दोस्ती की डगर आसान नहीं है.
झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे जेडीयू के नेता कभी बीजेपी की रघुवर सरकार को भ्रष्ट कह रहे हैं, तो कभी शराबबंदी को लेकर बीजेपी सरकार की घेराबंदी कर रहे हैं. वैसे सबसे दिलचस्प बात है कि बीजेपी अब तक जेडीयू के खिलाफ आक्रामक नहीं हुई है. लेकिन जेडीयू के तेवर बीजेपी के नेताओं को कितने दिन ऐसे रोक पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.
बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर कहते हैं कि जेडीयू झारखंड में बीजेपी से अलग है. वह क्या बोल रही है और क्या कर रही है, यह उसका मामला है. उन्होंने कहा कि बिहार में जेडीयू भले ही बीजेपी के साथ है, इसका मतलब यह नहीं कि उसके साथ हर राज्य में गठबंधन हो.
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