मणिपुर हिंसा (Manipur Voilence) को लगभग तीन महीने से ज्यादा समय हो गया है। लंबे समय से हिंसा का राज्य बने मणिपुर के हालात में सुधार होता नज़र आ रहा हैं। दरअसल, आदिवासी समूह द्वारा NH-37 पर की गई नाकेबंदी समाप्त हो गई है वहीं NH-2 पर अवरोध जारी है।
आप को बता दें, मणिपुर पुलिस ने 22 अगस्त को कहा कि मणिपुर के इंफाल को असम के सिलचर से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर एक आदिवासी समूह द्वारा की गई नाकाबंदी को हटा दिया गया है, क्योकि सुरक्षा बलों और पुलिस ने आवश्यक वस्तुओं के साथ 171 ट्रकों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है। हालाँकि, जनजातीय संगठन द्वारा इंफाल को नागालैंड के दीमापुर से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर अवरोध जारी है।
पुलिस ने एक बयान में कहा, “एनएच 37 पर आवश्यक वस्तुओं के साथ 171 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है”।
पुलिस का कहना है कि आगजनी की एक घटना के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक दिन पहले इंफाल पश्चिम में चार परित्यक्त घरों और एक सामुदायिक हॉल को जला दिया गया था, जबकि कई जिलों में तलाशी के दौरान हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए थे।
पुलिस ने कहा, “20 और 21 अगस्त को बीच में, अज्ञात बदमाशों ने इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में चार वीरान घरों, एक झोपड़ी और एक सामुदायिक हॉल में आग लगा दी। छह लोगो को आगजनी (Manipur Voilence) के इस सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया है। सुरक्षा बलों द्वारा पश्चिमी और पूर्व इम्फाल, थौबल, काकचिंग, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस ने कहा, “पुर्व इम्फाल, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों से सात हथियार और 81 गोला-बारूद बरामद किए गए।“