आज किसानों और सरकार के बीच कृषि कानूनों को लेकर होने वाली बैठक टल गई है। भारत बंद के एक दिन बाद नए कृषि कानून पर किसानों और सरकार के बीच आज छठे दौर की वार्ता होनी थी। खबर है कि दोनों पक्ष अब गुरुवार को आमने-सामने वार्ता के लिए बैठ सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ पिछले 14 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है और किसान बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर अब भी धरने पर बैठे हैं। किसान प्रदर्शन की वजह से आज भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगे दिल्ली के बॉर्डर बंद रहेंगे।
दरअसल कृषि कानूनों को लेकर कल रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और 13 किसान नेताओं के बीच बैठक भी हुई थी। लेकिन इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका। बैठक में शामिल किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि पांच देश के दूसरे हिस्से के किसान संगठनों से जुड़े थे। रात आठ बजे शुरू हुई बैठक बेनतीजा रही थी।
बैठक के बाद किसानों संगठनों की तरफ से जानकारी दी गई कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है। सरकार कानून में संशोधन को तैयार है और इसके लिए सरकार किसानों को आज अपना प्रस्ताव भेजेगी। सरकार की तरफ से प्रस्ताव मिलने के बाद किसान संगठन आपस में इस पर चर्चा करेंगे। इसे लेकर आज किसान संगठनों की सिंघु बॉर्डर अहम बैठक होगी। बैठक में आगे के आंदोलन को लेकर रणनीति पर भी मंथन किया जाएगा। 40 किसान संगठनों की बैठक में इस बात पर फैसला लिया जाएगा कि आगे सरकार से वार्ता की जाएगी या नहीं।
वहीं इस बीच नए कृषि कानूनों के विरोध में विपक्ष का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से आज मुलाकात करने जा रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ पांच नेताओं को मुलाकात की अनुमति मिली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत 5 नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाकात होगी।