केंद्र सरकार ने आज देश के गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है। मोदी कैबिनेट की बैठक के गन्ना किसानों से जुड़ा अहम फैसला लिया गया है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने इस साल 60 लाख टन चीनी निर्यात करने का फ़ैसला किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आर्थिक मामलों की समिति की बैठक के बाद बताया कि सीसीईए ने 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खातों में जाएगी।
वहीं जावड़ेकर ने कहा कि चीनी उद्योग के साथ गन्ना किसान भी संकट में हैं। देश में चीनी का उत्पादन खपत से अधिक है। इस बार अनुमानित उत्पादन 310 लाख टन रहेगा जबकि घरेलू मांग 260 लाख टन की है। ऐसे में चीनी निर्यात के इस फैसले से देश के पांच करोड़ किसानों को लाभ होगा। जावड़ेकर ने बताया कि पहले से घोषित 5310 करोड़ रुपये की सब्सिडी अगले एक हफ़्ते के अंदर किसानों के खातों में पहुंचा दी जाएगी।
दरअसल खाद्य मंत्रालय ने 2020-21 के विपणन वर्ष में 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,600 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा था जिसे आज की बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। इससे पिछले विपणन वर्ष 2019- 20 में सरकार ने 10,448 रुपये प्रति टन की एकमुश्त निर्यात सब्सिडी दी थी।
वहीं कैबिनेट के फैसले के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया दी है। तोमर ने लिखा कि ‘गन्ना किसानों के हित में मोदी सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय। गन्ना किसानों के लाभ के लिए चीनी के निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजा जायेगा। इस के तहत 5 करोड़ किसानों को कुल 3500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा।
कैबिनेट का गन्ना किसानों के लिए ये बड़ा फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब देश के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले तीन हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि सरकार के इस फैसले से किसानों के आंदोलन पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या दोनों पक्षों के बीच बातचीत में ये फैसला कोई असर डाल सकेगा।