दिल्ली की सीमाओं पर पिछले ढाई महीनों से जमे किसान आंदोलनकारियों ने अब अपनी रणनीति बदलने की तैयारी कर ली है। हाल ही में दिल्ली हिंसा के बाद किसानों के आंदोलन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। इसे लेकर अब किसान संगठनों ने जवाब देने की तैयारी कर ली है। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 72 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ अब सुरक्षाबलों के जवानों को भी तैनात किया गया है। ऐसे में आंदोलन की अगुवाई कर रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत नया प्लान तैयार किया है। राकेश टिकैत ने पुलिस और सेना में तैनात जवानों के परिजनों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।
अपनी नई योजना के तहत टिकैत ने कहा है कि जिन भी किसानों के परिजन सुरक्षाबलों और पुलिस बलों में तैनात हैं वो उनकी फोटो के साथ विरोध स्थल पर पहुंचें और किसान आंदोलन को और मजबूत करें। राकेश टिकैत ने कहा, या तो सरकार सुन ले, नहीं तो अगला आंदोलन ये भी होगा कि जिस घर में लोग फौज में और पुलिस में होंगे, उनका परिवार यहां धरने पर होगा।
दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से किसान संगठन बैकफुट पर थे। किसान संगठनों पर कई गंभीर आरोप भी लगे थे। ऐसे में शनिवार को देशभर में किसानों ने चक्का जाम भी किया। इसी को लेकर सरकार ने किसी भी हिंसा से बचने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया था। वहीं किसानों ने चक्का जाम को सफल बताते हुए अब नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।