बिहार विधानसभा चुनाव में अब सभी दल दूसरे चरण की वोटिंग से पहले जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। उसी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार के आरक्षण वाले बयान से एक बार फिर सियासत गरमा गई है। दरअसल पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में चुनावी जनसभा में नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो चाहेंगे कि जितनी आबादी है, उसके हिसाब से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए । इसमें हम लोगों की कहीं से कोई दो राय नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक संख्या का सवाल है, जनगणना होगी तब उसके बारे में निर्णय होगा । यह निर्णय हमारे हाथ में नहीं है ।
वहीं उन्होंने लोगों से कहा कि अगर आप लोगों ने मुझे दोबारा मौका दिया तो हम फिर आपको सारे वादे पूरे कर के दिखाएंगे। बता दें कि वाल्मीकि नगर में थारू जाति के काफी वोट हैं और ये जाति जनजाति में शुमार करने की मांग उठा रही है। इसी का समर्थन करते हुए नीतीश ने कहा कि जनगणना हम लोगों के हाथ में नहीं है, लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले।
आगे नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले 15 साल में बिहार का बजट 23 हजार करोड़ से बढ़कर लगभग ढाई लाख करोड़ हो गया। और एनडीए सरकार ने सभी गांवों में पक्की सड़क, पानी और बिजली पहुंचाई है। इसके साथ ही एनडीए शासन में बिहार में लोगों की आमदनी बढ़ी है। कुछ लोग बकवास में विश्वास करते हैं, हमें तो विकास और जनता की सेवा में भरोसा है। कहा कि सत्ता में आने के साथ उन्होंने अपराध को नियंत्रित किया। हाल ही में प्रकाशित अपराध अभिलेख ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार अपराध के मामले में बिहार 23वें स्थान पर है, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सीएम ने ये भी कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। आज समाज में बेहतर माहौल है। पहले विवाद का माहौल हुआ करता था। नए आईटीआई, पारा मेडिकल कॉलेज, एएनएम कॉलेज, नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई। साथ ही सरकारी सेवा एवं पुलिस सेवा में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया, वहीं प्राथमिक शिक्षक की नियुक्ति में पचास प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार लालटेन युग में था। शहरों में बिजली नहीं मिलती थी। हमसे पहले जिन लोगों को राज करने का मौका मिला था, उनके समय में मात्र सात सौ मेगावाट बिजली की खपत थी। पांच साल के अंदर हमने घर-घर बिजली पहुंचाने का समय एवं लक्ष्य से पहले कार्य पूरा किया।