भारत सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है जिसका नाम है ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ इस योजना के तहत कोरोना की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को प्रति माह ₹4000 सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
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जानकारी के मुताबिक बहुत जल्द ही केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव कैबिनेट को भेजेंगे। फिलहाल वर्तमान समय में इस योजना के तहत प्रति माह केवल ₹2000 की सहायता का प्रावधान रखा गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ सप्ताह में मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास जा सकता है। उस अधिकारी के मुताबिक कोरोना महामारी से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को दिया जाने वाला मासिक सहायता बढ़ाकर 4,000 रुपये करने का प्रस्ताव महिला और बाल विकास मंत्रालय ने तैयार कर लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री ने मई में यह घोषणा की थी कि जिन बच्चों के माता-पिता या कानूनी अभिभावक/गोद लेने वाले माता-पिता कोरोना के कारण खो दिया है, उन्हें ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत प्राप्त 3,250 आवेदनों में से कुल 667 को संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा मंजूर किया गया है। उन आंकड़ों से यह भी पता चला कि अब तक 467 जिलों से आवेदन प्राप्त हुए हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग्स एब्यूज ऑफ हेल्थ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्टों के मुताबिक कोरोना महामारी से पिछले कुछ महीनों में भारत में करीब 25500 बच्चों ने अपनी मां और करीब 90, 500 बच्चों ने अपने पिता को खोया है। दर्जनों ऐसे बच्चे भी हैं, जिन्होंने इस दौरान अपने माता-पिता दोनों को खोया है।
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