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बैग खोलते ही क्यों उड़ गये पुलिस के होश ?

NEWS DESK

चंद महीनों पहले की घटना है एक बैग मिला था जिसे खोलते ही पुलिस और वह खड़े सभी लोगो क होश उड़ गए
सबकी आँखे फटी की फटी रह गयी.  दिल्ली के एक इलाके एक में बैग मिला था ! जिसकी जानकारी पुलिस को दी गयी थी पुलिस मौके पर पहुंची और जब बैग की जाँच करी तो पर मालूम हुआ के बैग में एक लाश थी जिसे सात टुकड़ों में बांटा गया था.

लाश को कार्टन को बॉक्स और बैग में  पैक करके रखा गया था. उन टुकड़ो को देख क साफ़ मालूम होता था के लाश किसी लड़की की है . लेकिन शुरुआती छानबीन में मरने वाली की पहचान करना मुश्किल हो रहा था और न ही कातिल का कोई सुराग मिल रहा था लेकिन अचानक ही पुलिस की नज़र उस बॉक्स पर पड़ी जिसमे लाश को बंद किया गया था उस बॉक्स पर कुछ लिखा हुआ है जब उन शब्दों को गौर से देखा तो मालूम हुआ की उस पर एक कूरियर कंपनी का पता लिखा है .

आये देखते हैं क क्या सिर्फ एक कूरियर कंपनी के पते से पुलिस मुजरिम तक पहुंच पाएगी एक रिहायशी इलाक़े के पास एक कूड़ाघर कूड़ा घर है लोग अक्सर वह कूड़ा फेकने जाया करते हैं रोज़ की ही तरह लोग वह कूड़ा फेकने गए अचानक उनकी नज़र वह पड़े एक बैग पर पड़ी ! बैग के पास एक कर्तन भी पड़ा आमतौर से ये दो चीज़े कूड़े क ढेर में देखने को नहीं मिलती लोगो को ऐसा सामान कूड़े में देखकर हैरानी हुई साथ ही उससे आती बदबू से भी लोग बहुत परेशान थे वहाँ मौजूद लोगो को इसमें गड़बड़ लगी इसलिए उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी देने की सोची .

थोड़ी ही देर में पुलिस पहुंच गयी और छानबीन शुरू कर दी बैग और बॉक्स को खंगालते ही पुलिस वालो का दिमाग ठिठक गया . बैग में एक लड़की की लाश थी. वो भी सात अलग-अलग हिस्सों में कटी हुई थी हाथ, पैर, सिर, गर्दन सब अलग-अलग. पुलिस ने लाश बरामद की और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जिस तरह लाश की हालत थी और उसको रफा दफा करने की इस साज़िश को देख कर साफ़ मालूम हो रहा था की मामला कत्ल का . लेकिन मरनेवाली लड़की कौन थी? कहां रहती थी? उसका क़त्ल किसने किया? लाश के इतने टुकड़े किन हालात में किए? ये सभी सवाल पुलिस वालो और वाहा मौजूद लोगो के
दिमाग में उठ रहे थे
इन सभी सवालो का जवाब ढूंढने के लिए पुलिस को सबसे पहले ये पता लगाना था की मरने वाली लड़की कौन है इसलिए पुलिस वाले लाश की शिनाख्त करने में जुट गए लेकिन पुलिसवालो के आस पास पूछताछ करने क बावजूद भी लड़की का कुछ पता नहीं चल सका यहां तक कि लाश के कपड़े दिखाने के बाद भी कोई सुराग हाथ न लगा , इसी कोशिश में कई रोज़ निकल गए.

इसी बीच पुलिस को एक ऐसा सुराग मिला जिससे मरने वाली महीला का कुछ पता चले क़ातिलों ने जिस कार्टन बॉक्स में लाश के टुकड़े भर कर फेंके थे, उस पर एक कूरियर कंपनी का पता लिखा था. पुलिस ने उस पते को सुराग बना कर उसकी छान-बीन शुरू कर दी वो फ़ौरन गुरुग्राम में उस कूरियर कंपनी के दफ्तर पहुंची और वहां उसने कंपनी के अफ़सरों को कार्टन बॉक्स की तस्वीरें दिखाईं. किस्मत से कूरियर वाले ने बॉक्स को पहचान लीया और पुलिस को बताया कि इस तरह के बड़े बॉक्स में उनके एक कस्टमर ने यूएई से पार्सल बुक करवाया था. और उसने उस कस्टमर का नाम जावेद अख्तर बताया

पुलिस तुरंत हि सकते में आ गयी और कूरियर वाले के बताये पते पर अलीगढ पहुंची . यहां जावेद ना सिर्फ़ पुलिस को मिल गया,
और साथ ही ये भी बताया की यह कर्टन उसने तीन साल पहले युआई से मंगवाए थे अपने ज़रूरत क मुताबिक . इनमे से कुछ बॉक्स उसने अपनी नौकरनी को दिए थे और कुछ अपने दूसरे घर में रखवा दिए थे जो शाहीन बाघ में है जहा कुछ लड़के किराये पर रहते थे .अब पुलिस की सारी उम्मीदे इस शाहीन बाघ वाले माकन पर टिक गयी, जो भी सुराग मिलना था यहीं से मिलना था.

अब पुलिस जावेद अख़्तर की नौकरानी के पास पहुंची. जहा उन्हें खाली बॉक्स मिल गए, इसके बाद पुलिस शाहीन बाग वाले माकन पर पहुंची पर वाह देखा तो ताला लगा हुआ था. इससे पुलिस का शक साजिद अली जो माकन में रहता था पर गहरा हो गया. पुलिस ने आस-पास के लोगों से साजिद के बारे में पूछताछ करी तो पता चला कि उसने वहां लोगों से कहा है कि वो ये घर खाली करके जा रहा है.

अब  पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में लग गई. आखिर वह पुलिस को मिल ही गया. साजिद से पूछताछ पर कतल की जो कहानी सामने आई जिसे सुन कर सभी पुलिस वाले हैरान रह गए. साजिद अली ने पुलिस को बताया कि उसका अक्सर अपनी पत्नी के साथ बेरोज़गारी और दूसरे लड़की से सम्बन्ध पर झगड़ा हुआ करता था

यह जो लाश है वो साजिद अली की पत्नी की थी बार बार झगडे से परेशान हो कर उसने अपनी पत्नी का मर्डर दिया 21 जून की रात को उसने अपनी पत्नी की गला दबा कर हत्या कर दी थी . और अपने दोनों भाइयों के साथ मिलकर लाश को कई टुकड़ो में काट दया था और लाश को एक बड़े कर्टन   में डाल कर ठिकाने लगा दिया.साजिद अली को लग रहा था की अब वह बच जायेगा और कभी पुलिस के हाथ नहीं आएगा लेकिन बॉक्स पर लिखे अड्रेस ने उसकी साडी साजिश को नाकाम कर दिया

साजिद ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी हिन्दू थी और उसका नाम राजबाला था , 2011 में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात राजबाला से हुई थी. बाद में दोनों ने शादी कर ली और पत्नी का नाम बदलकर जूही रख दिया था. साजिद बीटेक इंजीनियर है, लेकिन कोई नौकरी नहीं करता। फिलहाल तीनों आरोपी भाई अब सलाखों के पीछे हैं. और पुलिस मामले की पूरी जानकारी इकठ्ठा करने में लगी है

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