jyoti की रिपोर्ट
कट्टरपंथी संगठनों की धमकी के बावजूद दो महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के कई महीनों के बाद 2 जनवरी को मंदिर में प्रवेश किया था. जिसके बाद 3 जनवरी 2018 (गुरुवार) 46 वर्षीय श्रीलंकाई महिला शशिकला ने भी रात लगभग 9.30 बजे पारंपरिक पथिनेट्टम पड़ी के रास्ते मंदिर में प्रवेश किया. जिसकी पुष्टि केरल पुलिस ने की है.
वह 11 बजे तक पम्पा आधार शिविर में वापस आ गई. महिला शशिकला और उसके रिश्तेदारों ने पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया था. महिला के पास श्रीलंकाई पासपोर्ट है और मंदिर में प्रवेश से पहले उसने अपनी उम्र संबंधी दस्तावेज जमा कर दिए थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पासपोर्ट में महिला की जन्मतिथि 1972 लिखी हुई है. प्रवेश के दौरान महिला की सुरक्षा की दृष्टि से उसके साथ सादी वर्दी में महिला कांस्टेबल भी थी.
बता दें कि, सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं की एंट्री का विरोध किया जा रहा है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने समानता के अधिकार के आधार पर फैसला सुनाते हुए सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को हटा दिया था. इसके बाद भी मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं मिल रहा था. तमाम प्रदर्शन और कथित रोक के बावजूद बीते बुधवार को करीब 40 साल की 2 महिलाओं (बिन्दू और कनकदुर्गा) ने मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा को ध्वस्त कर दिया था.