किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की की तरफ से बड़ी टिप्पणी की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन स्थल पर बन रहे हालात को लेकर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या आंदोलन स्थल पर किसान प्रदर्शनकारी कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं और क्या जरूरी एहतियात बरती जा रही है। इसके जवाब में इनकार सुनने पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि हमें नहीं पता कि आंदोलन कर रहे किसान कोविड से सुरक्षित हैं या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सख्त टिप्पणी करते हुए कहा गया कि आंदोलन वाली जगह पर नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो सरकार को आंदोलन स्थल के लिए गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वक्त रहते कदम नहीं उठाए गए तो कोरोना की वजह से हालात काबू से बाहर जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंदोलन वाली जगह पर कोरोना के नियमों का पालन नहीं होने से निजामुद्दीन मरकज़ जैसे हो हालात पैदा होने की आशंका है। सरकार को भीड़ वाली जगह पर गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। अगर आंदोलन के दौरान नियमों का पालन नहीं किया तो तब्लीगी जमात जैसी स्थिति की आशंका प्रबल होती दिखत रही है।
दरअसल पिछले 43 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन बदस्तूर जारी है। 8वें दौर की वार्ता से पहले किसान संगठनों का ट्रैक्टर मार्च दिखा। दरअसल सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत कई जगहों पर किसानों ने धरनास्थल तैयार किए हैं और हजारों की संख्या में किसानों के जत्थे यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि किसानों के धरनास्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा है।