बिहार चुनाव का रण खत्म हो चुका है और बिहार की जनता ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए अपना निर्णय भी साफ कर दिया है। वहीं आरजेडी अभी भी इन नतीजों पर यकीन नहीं कर पा रही है। दरअसल
तेजस्वी प्रसाद यादव को आरजेडी विधायक दल के साथ ही महागठबंधन का भी नेता चुना गया है। आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों की साझा बैठक में राबड़ी देवी के आवास पर ये फैसला किया गया। वहीं इस मौके पर तेजस्वी यादव ने जनता का आभार तो जाहिर किया ही इसके अलावा काउंटिंग पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। तेजस्वी ने कहा कि जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में और चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में आया है। उन्होंने कहा कि हम हार मानने वाले लोग नहीं हैं। साथ ही उन्होंने जल्द ही प्रदेश में धन्यवाद यात्रा शुरू करने की बात भी कही है।
इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी को कहां से कहां पहुंचाने का दावा करने वाले खुद तीसरे नंबर पर चले गए हैं। कुछ लोग जरूर कुर्सी पर बैठेंगे लेकिन वो अच्छी तरह से जानते हैं कि ये चांदनी सिर्फ चार दिनों की ही है। तेजस्वी ने कहा कि मौजूदा जनादेश के बाद नीतीश जी को नैतिकता के आधार पर कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। हम प्रदेश में धन्यवाद यात्रा निकालेंगे। जनता के बीच जाएंगे क्योंकि हम हारे नहीं हमनें चुनावों में जीत हासिल की है।
इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर डबल इंजन सरकार 19 लाख रोजगार, समान काम-समान वेतन, मानदेय बढ़ोत्तरी, शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार नहीं करती है तो जनवरी से महागठबंधन एक बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगा। तेजस्वी ने कहा कि हम लोग रोने वाले नहीं जनता के बीच में रहने वाले लोग हैं।
इसके अलावा तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। तेजस्वी ने कहा कि नियमावली के मुताबिक पोस्टल वोट पहले गिने जाने का नियम है तो फिर किसके आदेश पर ये वोट आखिर में गिने गए। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि बड़ी संख्या में पोस्टल वोट क्यों निरस्त कर दिए गए। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने का प्रावधान है। आयोग को वो वीडियोग्राफी दिखानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि करीब 20 सीटें आरजेडी और महागठबंधन को मामूली अंतर से हरायी गईं। तेजस्वी ने आयोग से ऐसी सीटों पर फिर से काउंटिंग कराने की मांग की है।