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जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर एक व्रत धारी को क्या करना चाहिए और क्या नहीं

इस वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर श्री कृष्ण के जन्म के समय जैसा योग बन रहा है इस वर्ष जन्माष्टमी 30 अगस्त एकादशी के दिन मनाई जा रही है आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

बहुत सालों बाद वर्ष 2021 में जन्माष्टमी पर ऐसा संयोग बना है। ऐसे में सभी श्रद्धालुओं और भक्तों को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए साथ ही पूरे मन से भगवान के जन्मोत्सव को मनाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण का पीठ नहीं देखना चाहिए पीठ देखने से इंसान के पुण्य कर्म कम हो जाते हैं। इसलिए हमेशा भगवान के मुख के दर्शन करने चाहिए।

अगर आप व्रत धारी हैं तो भगवान के जन्म के पश्चात ही अपना व्रत तो रहे अगर आपने उससे पहले व्रत तोड़ा तो आपको उसका पुण्य फल नहीं प्राप्त होगा।

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ऐसा मानना है कि विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है और शास्त्रों की माने तो श्री कृष्ण विष्णु के अवतार हैं इसीलिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए इससे श्रीकृष्ण को दुख होगा और आपके लिए अशुभ।

अगर आप व्रत धारी हैं तब भी और नहीं है तब भी आपको एकादशी के दिन चावल और जो का सेवन नहीं करना चाहिए।

श्री कृष्ण के जन्म अवसर पर तामसिक भोजन मांस मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

गायों की पूजा करनी चाहिए क्योंकि श्री कृष्ण को गाय अति प्रिय है इससे आपको पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही किसी भी गरीब और अमीर का अनादर ना करें क्योंकि श्री कृष्ण को सभी प्रिय थे।

श्री कृष्ण का वास हर एक चीज में है इसीलिए पैरों को भी नहीं काटना चाहिए कोशिश करें कि जन्माष्टमी का दिन आप पर लगाएं इससे आपको पुण्य फल की प्राप्ति होगी। साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें और संपूर्ण समर्पण के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखें।

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