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क्यों आते हैं बच्चों को नींद में झटके ?

हमलोगों ने कई बार ध्यान दिया है कि बच्चे सोते वक्त कभी हसंते है,तो कभी रोती हुई शक्ल बनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह बच्चों के शारीरिक विकास से जुड़ी प्रक्रिया हैं।हम बच्चों को सोते समय हिलते या झटके खाते हुए भी देख सकते हैं।माता-पिता कई बार इसे आम बात समझकर इगनोर कर देते हैं और इसे सोने के दौरान होने वाली आम बात मान लेते हैं।लेकिन क्या आपको पता है बच्चों के झटके या नींद में हिलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।अगर आपका बच्चा सोते वक्त जोर से हिलता है और रोते हुए उठ जाता है,तो फिर ये किसी गंभीर समस्या के संकेत हो सकते हैं।आप इसे हल्के में न ले और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे।चलिए आज हम आपको बताते है बच्चों को सोते वक्त होने वाले झटकों के बारे में विस्तार से…

सबसे पहले हम जानेंगे आखिर सोते वक्त बच्चों को झटके क्यों आते हैं

1-अगर सोते वक्त आपका बच्चा हिलता या झटके खाता है तो इसके पीछे सबसे पहला कारण अविकसित मस्तिष्क या फिर नसों का विकास हो सकता है जो की पूरी तरह से नॉर्मल है।इसके लिए आपको परेशान होने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है।

2 -बता दें कि मांसपेशियों की ऐंठन या दर्द के कारण भी बच्चों के झटके आते हैं।जिसके लिए उनके शरीर और चेहरे की अच्छे से मालिश करें क्योंकि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मालिश बेहद फायदेमंद होती है।

3 -अक्सर बच्चे सोते समय झटकों का अनुभव इसलिए भी करते हैं क्योंकि वे कच्ची नींद में होते हैं।बच्चों की नींद पूरी न होने के कारण उनकी आंखे खुली रहती है और बच्चे अपने पैर हाथ हिलाते हैं।बच्चों को अच्छे से शांत जगह पर सुलाना बहुत जरूरी है।बता दें कि अच्छी नींद न होने पर बच्चों का विकास अच्छे से नहीं हो सकता है।इसके अलावा अगर मां गर्भावस्था के दौरान अधिक कैफीन का सेवन करती है तो उस स्थिति में बच्चे को सोने के दौरान ऐसी हरकतें करते हैं।

4-इसके अलावा झटकों का एक कारण थकान और तेज आवाज से भी हो सकता है।जिससे बच्चा अपने हाथ-पैर, पीठ,कंधे हिलाने लगता है।हमेशा बच्चों को शांत कमरे या जगह पर सुलाने की कोशिश करें।एक अन्य कारण रैपिड आई मूवमेट का सेंसरिमोटर विकास से भी जुड़ा हुआ है,जिसमें सोते वक्त बच्चे अपने शरीर को हिलाते हैं।

बच्चों को झटके आने पर क्या करें

वैसे तो सोते समय बच्चों को झटके आना आम है लेकिन अगर इसकी वजह से आपका बच्चा बार-बार उठ जाता है तो,ये आपके लिए समस्या का कारण हो सकता है और इसके लिए जब आप बच्चे के पास हो और उसे झटके आ रहे हो तो उसके हाथ-पैर को सहलाएं और इसके साथ ही उसके सिर पर प्यार की थपकी दें।सोने से कुछ देर पहले बच्चे की अच्छे से मालिश करें।अगर आपका बच्चा झटकों के बाद कच्ची नींद में उठकर रोने लगे तो उसे आप अपना दूध पिलाकर फिर से सुला सकती है।घर के माहौल को शांत रखने की कोशिश करें जिससे बच्चा आराम से सो पाए,क्योंकि बच्चे नींद में तेज आवाज सुनकर भी डर जाते हैं और रोने लगते हैं।

कितने बार बच्चों को आते हैं झटके,जानिए ?

अनुमान लगाया जाता है कि सोते समय 2-3 महीने के बच्चों को ही झटके आते हैं।यह एक बार में तीन से चार बार हो सकता है।लेकिन अगर आपके बच्चों को कई बार झटके आ रहे हैं,तो ये समस्या का कारण हो सकता है।इसके साथ ही अगर आपका बच्चा झटकों के बाद रोने लगता है और उठ जाता है तो उसकी नींद भी पूरी नहीं होगी और ऐसी स्थिति में वह बीमार भी पड़ सकता है।ज्यादा झटके मिर्गी का कारण भी हो सकता है।ऐसी में आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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