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बच्चों में हो सकती हैं सांस से जुड़ी ये 5 बीमारियां

बड़े लोगों की तरह ही बच्चों को भी सांस से जुड़ी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।बता दें कि सांस लेते समय सांस नाली के जरिये कई तरह के रोगाणु शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं,जिससे बाद में बच्चों को सांस से जुड़ी बीमारियों हो सकती हैं।इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।ऐसे समय में बच्चों के शरीर में सांस के जरिये रोगाणु पहुंच जाते हैं और समस्या पैदा करते हैं।वहीं हम आज आपको बच्चों में होने वाली 5 सांस की बीमारियों के और उनके लक्षणों के बारे में बताएंगे।

1- अस्थमा

सबसे पहले हम अस्थमा के बारे में बताएंगे जो की एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों को हो सकती है।बता दें कि अस्थमा में फेफड़े का वायुमार्ग संकरा हो जाता है। जिसके चलते बच्चों को सांस लेने में और छोड़ने में दिक्कत होती है।अस्थमा में बच्चों को घबराहट,सांस लेने में तकलीफ तथा कफ की समस्या भो होती है।बच्चों में अस्थमा होने के कई कारण हैं लेकिन सबसे ज्यादा ये बीमारी धूल, मिट्टी और प्रदूषण से होती है।

2-साइनस

बता दें कि बच्चों में साइनस की समस्या भी काफी देखी जाती है और ये संक्रमण की वजह से होती है।साइनस बीमारी में नाक और आंख के पीछे हवा से भरी थैलियों में द्रव जम जाता है,जिससे संक्रमण होता है।बच्चों में साइनस की समस्या होने पर सिरदर्द, बुखार और सर्दी के लक्षण दिखते हैं और चेहरे में दर्द और आंख-नाक के पीछे दबाव महसूस होता है।

3-ब्रोंकाइटिस

ब्रोंकाइटिस की समस्या बच्चों में काफी आम है,बता दें कि ये बीमारी कुछ समय बाद खुद ही ठीक हो जाती है।सर्दी या फ्लू के संक्रमण से ये समस्या होने लगती है।ब्रोंकाइटिस में बच्चो को खांसी और बलगम की समस्या रहती है और सांस नली में सूजन आ सकती है तथा बच्चे की नाक बहना, सीने में दर्द और जकड़न, बुखार और ठंड लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

4- सर्दी या गले में इंफेक्शन

बच्चों को कई बार सर्दी लगने पर भी सांस लेने में समस्या होने लगती है और किसी भी तरह के इन्फेक्शन के कारण बच्चों को सांस में तकलीफ होने लगती है। बता दें कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों में हल्की सर्दी भी कई बार गंभीर परेशानी पैदा कर सकती है।सर्दी के कारण से बच्चे की नाक बहने लगती है और गले में कफ, खांसी और बुखार भी आ सकता है।इसके साथ ही गले में संक्रमण होने पर भी बच्चे को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है।

5- निमोनिया

बता दें कि बच्चों में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी निमोनिया है।कई बार तो इस बीमारी में बच्चे की मौत भी हो जाती है।निमोनिया के लक्षण में बच्चे को फ्लू, सर्दी या गले में खराश हो सकती है।बच्चों में निमोनिया होने कारण फेफड़ों में संक्रमण भी है।बता दें कि निमोनिया के लक्षण में तेज बुखार, ठंड लगना, तेजी से सांस लेना, खांसी और सांस लेने में समस्या हो सकती है।

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