अभी तक हमने केवल मर्दों की साजिश के शिकार हुए महिलाओं के बारे में सुना है। मर्दों द्वारा अपहरण कर बलात्कार के मामले सुनने हैं, लेकिन शायद आपने पहली बार ही ऐसा कुछ सुना होगा जहां की किसी महिला ने किसी दूसरी महिला के बलात्कार की साजिश रची। यह बात हमें सुनने में जितनी घटिया लग रही है शायद उस महिला को करने में नहीं लगी।
ये मामला बरेली का है जहां की पुलिस ने दुष्कर्म की साजिश रचने के मामले में दो महिलाओं को 10 साल की कैद की सजा दिलवाई है। इस सजा पॉक्सो एक्ट के तहत अनिल कुमार सेठ द्वारा सुनाया गया। इस मामले के मुख्य आरोपी किशोर को नाबालिक होने की वजह से किशोर न्यायालय भेजा गया।
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इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा थाने में लिखाई गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 1 मई 2016 को किशोरी गांव की दुकान से नमकीन लेने गई थी, नमकीन लेकर लौटते वक्त आरोपी महिला सोमवती और शीश कुमारी ने किशोरी को अपने घर पर बुला लिया। उन्होंने कहा कि नमकीन हमारे घर में ही अंदर बैठ कर खा लो जहां पर पहले से एक लड़का मौजूद था। जैसे ही पीड़िता घर के अंदर घुसी कि दोनों आरोपी महिलाओं ने घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। बता दें कि जो लड़का घर में पहले से ही मौजूद था उसने पीड़िता के घर में घुसते ही उस पर हमला कर दिया और दुष्कर्म के मामले को अंजाम दिया। जब पीड़िता बहुत देर तक घर नहीं पहुंची तो उसके परिजन उसे ढूंढने लगे। ढूंढते ढूंढते पीड़िता की भाभी सोमवती के घर के पास पहुंची तो उन्हें चीखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दी जैसे ही उन्होंने घर की कुंडी खोली कि आरोपी लड़का वहां से फरार हो गया।
जानकारी के मुताबिक आरोपी लड़का बदायूं का रहने वाला है जिसकी उम्र 16 साल बताई जा रही है। वहीं मेडिकल के दौरान पीड़िता की उम्र 17 साल बताई गई है।
कोर्ट में पीड़िता के तरफ से सरकारी वकील हरेंद्र पाल सिंह राठौर ने मुकदमा लड़ा और आरोपी सोमवती और शिरीष कुमारी को दुष्कर्म की साजिश रचने के मामले में 10-10 साल की कैद और 10-10 का जुर्माना लगाया।
अभियोजन की ओर से सरकारी वकील हरेंद्र पाल सिंह राठौर ने पक्ष रखा। कोर्ट ने अभियुक्त सोमवती और शीश कुमारी को दुष्कर्म की साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए 10-10 साल कैद की सजा सुनाई। इसके अलावा दोनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि पीड़ित किशोरी को देने का आदेश भी कोर्ट ने किया।