बंगाल चुनाव में उद्धव की एंट्री
बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना ने भी कमर कस ली है। ममता के गढ़ बंगाल में इस बार शिवसेना भी उतरेगी. रविवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि, हमने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है हम जल्द कोलकाता पहुंच रहे हैं।
शिवसेना के चुनावी ऐलान के बाद बंगाल का सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी बंगाल में जहां पूरी ताकत के साथ मैदान में है, वही AIMIM ने बंगाल में चुनाव लड़ने की पहले ही घोषणा कर दी है। अब शिवसेना की एंट्री टीएमसी के लिए नई आफत बनकर आई है।
बीजेपी इस बार मजबूत है
बता दें कि, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म होने जा रहा है। 2013 के बंगाल चुनाव में बीजेपी आज की तुलना में कमजोर पार्टी हुआ करती थी। लेकिन अब हालात बदले हुए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उसके खाते में राज्य के 18 सीट आई। बीजेपी ने बंगाल में अपनी जमीन बनाई, इससे कोई नकार नहीं सकता। ऐसे में अब शिवसेना की एंट्री किसे फायदा नुकसान पहुंचाएगी यह देखना होगा।
बंगाल का दौरा करेंगे मोदी
नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को ममता के गढ़ में होंगे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता जाएंगे, प्रधानमंत्री की कोलकाता की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है। जब पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वही 23 जनवरी को ही ममता बनर्जी कोलकाता में करीब 9 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करने वाली है।
ओवैसी पहले ही बंगाल इलेक्शन में कूद चुके हैं
बंगाल का वह इलाका जो बिहार के सीमांचल और बांग्लादेश बॉर्डर से लगता है। वहां का मुसलमानों ओवैसी की ओर जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो 40 से ज्यादा सीटों पर ओवैसी असर डाल सकते हैं। ऐसा होने पर फायदा भाजपा को ज्यादा होता दिखता है। वही टीएमसी के कई दिग्गज नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इसमें सबसे चर्चित नाम शुभेंदु अधिकारी है।
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