सेंट्रल डेस्क आयुषी गर्ग:- निर्भया कांड के तीन दोषी मौत की सजा के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. जेल प्रशासन की ओर से मिले नोटिस के बाद अक्षय कुमार पुनर्विचार याचिका दायर करेगा, जबकि पवन और विनय क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर सजा कम करने का अनुरोध करेंगे.
अक्षय, पवन और विनय के वकील एपी सिंह ने बताया कि तीनों के परिजनों ने उनसे संपर्क किया है और इन्हें बचाने की गुहार लगाई है. उन्होंने आरोप लगाया कि नोटिस ऐसे समय में जारी किया गया, जब कोर्ट में छुट्टी थी.
जल प्रशासन ने 29 अक्तूबर को जारी नोटिस में चारों दोषियों को आगाह किया था कि वे दया याचिका दायर करें, क्योंकि उनके पास केवल 4 नवंबर तक का समय है. वे याचिका नहीं देते तो जेल प्रशासन अदालत से डेथ वारंट निकालने का अनुरोध करेगा.
उन्होंने बताया कि अक्षय के ससुर का बिहार में देहांत हो गया है. उसकी पत्नी सविता से बात हो गई है. वह सोमवार को दिल्ली पहुंचेगी। विनय के पिता हरेराम और पवन के पिता हीरालाल गुप्ता भी उनके संपर्क में हैं. विनय और पवन के पिता आरके पुरम के रविदास कैंप में रहते हैं.
एपी सिंह ने बताया कि वह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालेंगे. उन्होंने कहा कि पवन के जुवेनाइल संबंधी एक याचिका हाईकोर्ट में चल रही ह. कानूनी जानकारों के मुताबिक, अदालत ने इनकी याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दी तो मौत की सजा कुछ समय के लिए टल जाएगी.
क्या है निर्भया कांड
निर्भया बस में अकेली और मजबूर थी. बस दिल्ली की सड़क पर तेजी से दौड़ रही थी. रात का अंधेरा घना होता जा रहा था. अब वे सारे दरिंदे निर्भया पर टूट पड़े. निर्भया उन दरिंदों से अकेली जूझती रही. उसने देर तक उन वहशी दरिंदों का सामना किया लेकिन वो हार चुकी थी. उन सबने निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया. यही नहीं उनमें से एक ने जंग लगी लोहे की रॉड निर्भया के प्राइवेट पार्ट में डाल दिया. इस हैवानियत की वजह से निर्भया की आंतें शरीर से बाहर निकल आईं. खून से लथपथ लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही थी. बाद में उन शैतानों ने निर्भया और उसके साथी को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया था.
निर्भया ने सिंगापुर में ली आखिरी सांस
इस बीच पीड़ित लड़की की हालत नाज़ुक होती जा रही थी. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. सड़कों और सोशल मीडिया से उठी आवाज़ संसद के रास्ते सड़कों पर पहले से कहीं अधिक बुलंद होती नजर आ रही थी. दिल्ली के साथ-साथ देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे. दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा था कि उनमें इतनी हिम्मत नहीं कि वो पीड़ित लड़की को देखने जा सकें. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सफदरजंग अस्पताल जाकर पीड़ित लड़की का हालचाल जाना था. निर्भया की हालत संभल नहीं रही थी. लिहाजा उसे सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 29 दिसंबर को निर्भया ने रात के करीब सवा दो बजे वहां दम तोड़ दिया था.
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