यूरोपीयन यूनियन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और कनाडा के सांसदों ने अपने यहां पर सरकार से चीन द्वारा उइगरों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ चीन के निवेश को रोकने की अपील की है। जानकारी के मुताबिक इन सांसदों की अपील है कि चीन लगातार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है और उनको प्रताड़ित कर रहा है। जिसके चलते उसके खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए। बता दे की चीन के खिलाफ इन देशों के सांसदों का ये रुख उस रिपोर्ट के बाद सामने आया है जिसमें बताया गया है कि एचएसबीसी बैंक के पास झिंजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कार्प्स की एक सहायक कंपनी में शेयर हैं।वर्ष 2020 में इस कंपनी को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा प्रतिबंधित किया गया था।
जानकारी के मुताबिक दस देशों के करीब 35 सांसदों ने अपनी सरकार से चीनी निवेश को ब्लैक लिस्ट करने उन कंपनियों का पता लगाने को कहा है जो प्रतिबंधित हैं। बता दें कि पिछले सप्ताह ही आईपीएसी के सौजन्य से एक पत्र भेजा गया है। जिस पर यूरोपीयन पार्लियामेंट्स चाइना डेलिगेशन के रेनहार्ड बुटिकोफर, ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के पूर्व नेता डंकन स्मिथ, आस्ट्रलिया की लेबर पार्टी के सांसद किंबरले किचिंग और भारत की बीजू जनता दल के सुजीत कुमार सहित कई अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं। और वित्त मंत्रालय, यूरोपीयन कमीशन आदि को यह पत्र भेजा गया है
बताया जा रहा है कि चीन द्वारा लंबे समय से शिंजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों को प्रताडि़त किए जाने की खबरें मीडिया में प्रकाशित होती रही हैं। जिसके चलते इनके खिलाफ अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने आवाज भी उठाई है। बता दें कि अमेरिका लगातार इस मुद्दे पर चीन को कटघरे में खड़ा करता रहा है। वहीं इन तमाम आरोपों को चीन गलत बताता रहा है। चीन का इसके अलावा यह भी कहना है कि उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार किसी के पास नहीं है।