सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद की प्रतिमा के लिए प्रशासन ने कोई पहल नहीं की। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटकर जब शहीद की पत्नी और परिजन मायूस हुए तब शहीद की पत्नी ने खुद अपने पैसों से स्मारक और प्रतिमा बनवाने का प्रण लिया। इस प्रण को उन्होंने पूरा भी किया। गुरुवार को गांव में प्रतिमा का अनावरण हुआ।
किरावली के गांव लोहा करेरा निवासी सेना के शहीद जवान धर्मेंद्र सिंह पुत्र वदलेराम की पत्नी ममता एवं उसके भाई राजकुमार ने बताया कि तीन वर्ष शासन प्रशासन के चक्कर लगाए। शहीद के अन्तिम संस्कार के समय जनप्रतिनिधियों ने बड़े-बड़े वादे किए थे। शहीद का स्मारक व प्रतिमा लगवाई जाएगी ऐसा आश्वासन दिया था। लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली।
शहीद की पत्नी ममता ने स्वयं प्रतिमा के रुपए जोड़े और अपने पैसों से प्रतिमा लगवाई। गुरुवार को पंडित हरिओम शर्मा ने विधिवत हवन पूजन कर प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान गांव में शहीद को याद किया।
शहीद धर्मेंद्र की दो पुत्रियां कृष्णा (12 वर्ष) व खुशी (10 वर्ष) हैं। वीरनारी ममता देवी ने शासन-प्रशासन के रवैये से आहत होकर आगरा-जयपुर हाईवे पर किरावली के पास राना शीतगृह के पीछे शहीद की प्रतिमा स्थापना कराई।