लोकसभा चुनाव के कुछ समय ही बचे है ऐसे में पीएम मोदी एक और बड़ा दाव खेल सकते है। दरअसल, मध्यम वर्ग को राहत देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर सकते हैं, जो वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 2.5 लाख रुपए से बढ़कर 5 लाख रुपए हो सकता है, जबकि मेडिकल खर्चो और परिवहन भत्ते को भी फिर से बहाल कर सकते हैं।
अगर ऐसा होता है तो जो लोग 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करते हैं उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ेगा। वर्तमान में जिन लोगों की सालाना कमाई 2.5 लाख रुपये तक की है वह टैक्स स्लैब में नहीं आते हैं जबकि 2.5 – 5 लाख रुपये के बीच की सालाना कमाई पर 5 फीसदी का टैक्स लगता है।
लेकिन इसमें एक समस्या आ सकती है, डायरेक्ट टैक्स कोड रिपोर्ट के आने से पहले आम बजट आ जाएगा। रिपोर्ट जारी होने से पहले दरों से छेड़छाड़ के कारण विवाद हो सकता है। डायरेक्ट टैक्स कोड के दायरे में ज्यादा-से-ज्यादा टैक्स करदाता को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश की जाएगी, ताकि अलग-अलग वर्गों के करदाताओं के लिए अधिक न्यायसंगत प्रणाली बनाई जाए, कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की जाए और व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी बनाई जाए।
हालांकि अंतरिम बजट में सारी मांगो को पुरा नही किया जा सकता लेकिन फिर भी सरकार मध्य वर्ग के लोगो को खुश करने की कोशिश मे लगी हुई है।