कांग्रेस के नेता उदित राज एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में बने हुए है। बता दे कि हाल ही में उदित राज ने कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी फंड के इस्तेमाल पर सवाल उठाए था। उन्होंने मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए एक ट्वीट किया और लिखा कि, ‘असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का निर्णय किया है उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए।’ हालांकि विवाद बढ़ने पर उदित राज ने वह ट्वीट डिलीट कर दिया।
वहीं अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने उदित राज के बयान को बेबुनियाद बताते हुए उसकी निंदा की है। स्वामी चक्रपाणि ने उदित पर हमला बोलते हुए कहा कि उदित राज का बयान कांग्रेस की हिन्दू विरोधी, सनातन विरोध सोच का प्रतीक है और उसी का परिणाम है। जैसा शीर्ष नेता होते हैं वैसा ही मूल होता है।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी ‘संत की हत्या पर अपनी कोई प्रतिक्रिया या राय नहीं देती है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पूरा हिन्दू विरोधी हो चुका है। इसलिए अगर देश में कहीं किसी संत की हत्या होती है, तो कांग्रेस उस पर कोई सवाल नहीं उठती।
मामले को बढ़ता देख कांग्रेस नेता उदित राज ने एक चैनल से बात करते हुए सफाई दी है। अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि, ‘राज्य का कोई धर्म नहीं होता। सभी को बराबर मानना चाहिए। किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस संदर्भ में मैंने कुंभ मेले के खर्च का उदाहरण दिया’। उधर, कांग्रेस ने उदित राज के बयान से किनारा कर लिया है।
वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी उदित के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, ‘मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई। पहले अफिडेविट देकर सुप्रीम कोर्ट में कहा था ‘भगवान श्री राम मात्र काल्पनिक है..उनका कोई अस्तित्व नहीं’ और अब प्रियंका वाड्रा जी का कहना है की कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए! तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका ‘सुविधा-वादी’ हिंदू है’।