पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मामले में गृह मंत्रालय ने कार्रवाई की है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को सेंट्रल डेप्युटेशन पर बुला लिया है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक बीजेपी प्रमुख जे. पी. नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय ने सेंट्रल डेप्युटेशन पर सेवा के लिए बुला लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को तलब किया था। दोनों अधिकारियों से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में सफाई तलब की गई थी। साथ ही दोनों को 14 दिसंबर को पेश होने को कहा गया था। वहीं इसी को लेकर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी 10 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले में नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी।
वहीं बंगाल के अधिकारियों को दिल्ली तलब किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने सरकार पर जुबानी हमला किया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखा है। उन्होंने एतराज जताते हुए कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब करना राजनीति से प्रेरित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था प्रदेश सरकार का मुद्दा है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश सरकार पर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री के इशारे पर शीर्ष अधिकारियों को तलब किया गया है।
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी को संविधान का पालन करना ही होगा। वो संविधान से अलग काम नहीं कर सकती हैं। पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था लगातार खराब हो रही है। इसके अलावा धनखड़ ने बीजेपी अध्यक्ष के काफिले के हमले की घटना को लोकतंत्र पर धब्बा बताया था।