चुनावों में परिवार वाद पर रोक लगाने के लिए बीजेपी ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल बीजेपी ने यूपी में त्रिस्तरीय चुनावों में उतरने का फैसला कर लिया है। ऐसे में इसके लिए बीजेपी की तरफ से खास रणनीति भी तैयार की गई है। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव में किसी भी सांसद, विधायक, मंत्री के परिवार का कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ेगा। परिवारवाद के फैक्टर को खत्म करने के लिए बीजेपी पार्टी के सांसदों, विधायक या फिर मंत्रियों के परिजनों को टिकट नहीं देगी। ये फैसला शुक्रवार को सरकार और संगठन की बैठक में लिया गया। गौरतलब है कि बीजेपी अलग-अलग मंच से एसपी, बीएसपी और कांग्रेस समेत अन्य दलों पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाती आई है। ऐसे में परिवारवाद के आरोप बीजेपी पर न लगे पार्टी ने उस ओर कदम बढ़ा दिए हैं। बैठक में बीजेपी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल, प्रभारी राधामोहन सहित सरकार के सभी मंत्री मौजूद रहे।
खबरों के मुताबिक पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को लेकर भी नियम लागू किया जाएगा। इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए बहुत जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है। माना जा रहा है कि विधानसभा के अगले सत्र में पेश पंचायतीराज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश किया जा सकता है।
अप्रैल 2021 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां पूरी होने से पहले ही नया कानून लागू किया जा सकता है। दरअसल कोरोना संकट की वजह से पंचायत चुनाव की तैयारियां वक्त पर पूरी नही हो सकी हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 से आगे बढ़ा दिए गए थे।