नया साल शुरू हो चुका है लेकिन सरकार और किसानों के बीच चल रहे गतिरोध के खत्म होने के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 37 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों ने आज अहम बैठक की। बैठक के बाद किसान नेताओं ने चर्चा की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के साथ हुई पिछली बातचीत को लेकर समीक्षा की गई साथ ही कई अहम फैसले भी लिए गए हैं। उधर स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर 4 जनवरी को केंद्र सरकार के साथ होने वाली बातचीत से हल नहीं निकलता तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इस दौरान योगेंद्र यादव ने कहा कि 30 तारीख की वार्ता में सिर्फ़ पूंछ निकली है, हाथी निकलना बाकी है। तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी दर्जा देने को लेकर सरकार ने रुख साफ नहीं किया है। अगर सरकार कदम नहीं उठाती तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
योगेंद्र यादव ने कहा कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में अगर सहमति नहीं बनती तो 6 जनवरी को जीटी करनाल रोड पर ट्रॉली यात्रा निकालीं जाएगी। अगर सरकार हमारी बातें नहीं मानती तो अगले हफ़्ते कोई तारीख़ तय करके शाहजहांपुर बार्डर पर दिल्ली की तरफ़ आगे बढ़ा जाएगा।
दरअसल किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन सकी है। ऐसी स्थिति में अब अगले दौर की बातचीत ना सिर्फ अहम है बल्कि गतिरोध को खत्म करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी। बुधवार को सरकार और किसान संघों के बीच छठे दौर की वार्ता लगभग पांच घंटे तक चली थी। जिसमें बिजली दरों में बढ़ोतरी और पराली जलाने पर दंड को लेकर सरकार औऱ किसानों के बीच सहमति की स्थिति बनी थी।