तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों और सरकार के बीच सात दौर की वार्ता हो चुकी हैं। लेकिन अब तक किसानों का आंदोलन खत्म करने का कोई फॉर्मूला नहीं निकला है। आठ जनवरी को होने वाली आठवें दौर की वार्ता से पहले किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। किसान 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड करने वाले हैं। लेकिन इस परेड का ट्रेलर किसान आज ही दिखा रहे हैं। किसान आज दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर से ट्रैक्टरों के साथ रैली निकालेंगे। किसानों की ये ट्रैक्टर परेड 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का रिहर्सल बताई जा रही है
किसानों का एक जत्था सिंघु बॉर्डर से टिकरी बॉर्डर की ओर बढ़ेगा। जिसकी शुरूआत कोंडली में केएमपी के एंट्री प्वाइंट से होगी। इसी तरह टिकरी बॉर्डर से कोंडली की ओर ट्रैक्टर मार्च की शुरूआत सांपला में केएमपी के एंट्री प्वाइंट से होगी। ये दोनों जत्थे सांपला और कोंडली के मिड प्वाइंट को छूकर वापस लौट जाएंगे तो वहीं गाजीपुर से पलवल की ओर ट्रैक्टर मार्च डासना में केएमपी के एंट्री प्वाइंट से शुरू होगा। रेवासन से पलवल की ओर ट्रैक्टर मार्च की शुरूआत रेवासन में केएमपी के एंट्री प्वाइंट से की जाएगी।
गाजीपुर बॉर्डर घेर कर बैठे उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के किसानों ने रैली को दो हिस्सों में बांटा है। इसी तरह बहादुरगढ़-टिकरी बॉर्डर पर बैठे किसान सिंघु बॉर्डर की ओर चलेंगे और सिंघु बॉर्डर के किसान टिकरी बॉर्डर की ओर बढ़ेंगे। इस ट्रैक्टर मार्च में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत दिल्ली और आसपास के हजारों किसान शामिल होंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक इस रैली में शामिल होने के लिए ज्यादातर ट्रैक्टर बाहर से आने वाले हैं और किसानों का रास्ता रोकने का कोई कार्यक्रम नहीं है इसीलिए ट्रैक्टर दो लाइनों में चलेंगे। एक तरफ किसान सरकार पर दबाव बनाने के लिए ट्रैक्टर रैली निकाल रही है। दूसरी तरफ सरकार ने एक बार फिर से वार्ता के लिए समाधान निकलने की बात कही है। सातवें दौर की वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद ही किसानों ने आंदोलन को तेज करने का एलान किया था।