मध्यप्रदेश के इंदौर से चूड़ी वाले के साथ चार लोगों द्वारा मारपीट का मामला सामने आया जहां पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि चूड़ी वाला अपना नाम बदलकर इंदौर में चूड़ी बेच रहा था जिस पर कि वह युवक आए और उससे नाम पूछते ही मारना शुरू कर दिया।
पीड़ित का नाम तस्लीम अली बताया जा रहा है जिसकी उम्र 25 वर्ष है वही चारों आरोपियों के नाम हैं राकेश पंवार उम्र 38 वर्ष, विकास मालवीय उम्र 27 वर्ष, राजकुमार भटनागर उम्र 37 वर्ष और विवेक व्यास उम्र 35 वर्ष बताई जा रही है।
पुलिस का कहना है कि हरदोई से ताल्लुक रखने वाले चूड़ी वाले के साथ मारपीट के मामले में वायरल हो रही वीडियो के आधार पर उन्होंने चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।
पुलिस का कहना है कि 13 वर्षीय स्कूली छात्रा की शिकायत पर चूड़ी विक्रेता के खिलाफ दुर्व्यवहार और पहचान से जुड़े दस्तावेजों की जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। इस बीच हिंदू जागरण मंच विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शहर के रीगल चौराहे पर पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय के सामने जुटे। प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा और भगवा झंडे लहराते हुए भारत माता की जय, हिंदुस्तान में रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा। साथ ही जय-जय सियाराम और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नार लगाए।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बताया कि ‘ये घटनाएं राज्य विधानसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक टकराव भड़काने और ध्रुवीकरण के लिए भूमिका रचने का प्रयास है। पहले गाजियाबाद, कानपुर और अब इंदौर। ये कौन लोग हैं, जिनका यह फैसला करने का हौसला बढ़ा हुआ है कि क्या सही है और क्या गलत है। अगर राज्य के गृह मंत्री भीड़ की हिंसा को उचित ठहराएंगे तो फिर वह गृह मंत्री की कुर्सी पर क्यों बने हुए हैं?’
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इस पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि ‘तस्लीम को एक उग्रवादी भीड़ ने बेरहमी से पीटा। अब पुलिस ने तसलीम के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी। उसका जुर्म ये है के उसने मुसलमान होने के बावजूद चुपचाप जुल्म नहीं सहा। उसको लूटने और मारने वाले अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए। राज्य के गृह मंत्री भी खुल के अपराधियों के लिए बहाने बना रहे है। चुनी हुई सरकारों और उग्रवादी भीड़ों में कोई फर्क नहीं रहा।’