बिहार सरकार ने छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप को लेकर उठाया एक कदम जिसके माध्यम से सभी अनुसूचित जनजाति जाति, पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी आसानी से अपनी स्कॉलरशिप की राशि पा सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक इस छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थियों को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आवेदन की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि शिक्षा विभाग ने एनआईसी की मदद से बिहार का अपना ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है। बीते शुक्रवार को जब इसे लांच किया जा रहा था तब शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि केन्द्र सरकार के एनएसपी पोर्टल पर आवेदन करने की निर्भरता के चलते यह योजना तीन-चार साल से लंबित चल रही है।
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गरीब तथा पिछड़े वर्ग के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए इंतजार करना पड़ रहा था। एनआईसी द्वारा पोर्टल तैयार कर देने से यह इंतजार खत्म हो जाएगा। वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 तीन साल की लंबित छात्रवृत्ति योजना के लिए एक साथ आवेदन किया जा सकेगा। गरीब घर के बच्चों को अब समय पर छात्रवृत्ति की राशि मिल पाएगी। दूसरे राज्य भी इस पोर्टल का अनुसरण करेंगे। सरकार द्वारा की गई इस पहल से 3 साल की छात्रवृत्ति एक साथ मिलने से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा। साथ ही यह सुनकर विद्यार्थियों में खुशी की लहर देखी जा सकती है।
बताया जा रहा है कि पोर्टल पर निबंधन व आवेदन के एक माह में मिल जाएगी राशि। इस पर शिक्षा विभाग के सदस्य मदन मोहन झा सभागार में आयोजित भव्य समारोह में इस पोर्टल www.pmsonline.bih.nic.in को विद्यार्थियों के लिए लोकार्पित करते हुए शिक्षा मंत्री ने घोषणा की कि इस पोर्टल पर निबंधन व आवेदन के एक माह के अंदर डीबीटी के माध्यम से राशि लाभार्थियों के खाते में चली जाएगी। वहीं श्री चौधरी ने उपमुख्यमंत्री व पिछड़ा, अतिपिछड़ा कल्याण मंत्री रेणु देवी तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मंत्री संतोष सुमन की मौजूदगी में इस नए प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना पोर्टल को लांच किया। रेणु देवी वीडियो कांफ्रेंसिंग से इस समारोह से जुड़ी थीं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्ष 2018 की स्कॉलरशिप योजना के तहत मंजूरी दी गई है।
मंत्री संतोष सुमन जी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की प्रतिबद्धता गरीब, पिछड़े बच्चों के लिए है। अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा अतिपिछड़ा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना इस समाज के मेधावी बच्चों के लिए सपने की उड़ान है। पोर्टल बनाने के लिए शिक्षा विभाग को धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्रीजी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर 3 लाख सालाना कर दी है, इससे हजारों और बच्चों को फायदा होगा। मांग करता हूं कि इसे और बढ़ाया जाए। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग के सचिव पंकज कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, एनआईसी के शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने भी बातें रखीं। संचालन शोध प्रशिक्षण निदेशक विनोदानंद झा ने किया।