केंद्र ने पांच राज्यों के साथ हाई लेवल बैठक की,जिसमे उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, यूपी और पंजाब शामिल हैं। बता दें कि इन सभी राज्यों में आने वाले साल में विधानसभा चुनाव होने हैं।इस बैठक में कोरोना के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा की गई है ।
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टीकाकरण में लाएं तेजी
इस दौरान बैठक में टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा हुई है और राज्यों को सलाह दी गई कि वे कोरोना टीकाकरण में तेजी लाएं।वहीं पहली खुराक के लिए सभी पात्र आबादी को जल्द से जल्द वैक्सीन दी जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों की दूसरी खुराक में भी देरी न हो।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और चिकित्सा अधिकारियों के साथ भी अहम बैठक करेंगे।जिसमे मुख्य रूप से 15-18 वर्ष की आयु के किशोरों के टीकाकरण तथा फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और 60 से ऊपर आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक पर चर्चा की जाएगी।
चुनाव आयोग ने सोमवार को स्वास्थ्य सचिव के साथ की चर्चा
आपको बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के साथ ही चुनाव आयोग ने सोमवार को स्वास्थ्य सचिव से चर्चा की गई और टीका कवरेज तथा संक्रमण पर विवरण मांगा गया।इस दौरान चुनाव आयोग ने सख्त कोविड प्रोटोकॉल की जरूरत पर भी चर्चा की है।मामले में बताया जा रहा है कि राज्य की चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग मंगलवार को उत्तर प्रदेश का दौरा करेगा।
चुनाव टालने का इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किया था अनुरोध
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से चुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया था और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुनावी रैलियों तथा अन्य सभाओं पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था। इस दौरान न्यायमूर्ति शेखर यादव ने कहा कि अगर रैलियों को नहीं रोका गया,तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर होंगे।इसके अलावा उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है।