अमेरिकी संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी राष्ट्रपति के खिलाफ़ दूसरी बार महाभियोग का प्रस्ताव पारित हुआ। अमेरिका के कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थकों के हंगामे और हिंसा के अभी एक सप्ताह बीते नहीं कि व्हाइट हाउस से ट्रंप को बेआबरू कर निकाले जाने का रास्ता बन गया। 7 जनवरी को हुई हिंसा में राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका को लेकर उन पर महाभियोग चलाने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में वोटिंग हुई।
हैरानी नहीं कि ट्रंप के खिलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में 232 वोट पड़े। जबकि इस प्रस्ताव के खिलाफ़ 197 वोट। वैसे भी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में डेमोक्रेट्स बहुमत में हैं। लेकिन उनके महाभियोग के इस प्रस्ताव को खुद ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का भी समर्थन मिला।
ट्रम्प पर देश के खिलाफ विद्रोह भड़काने का आरोप है। ट्रम्प के समर्थकों ने पिछले सप्ताह US कैपिटल बिल्डिंग में तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा में एक पुलिस अफसर समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से ही ट्रम्प निशाने पर हैं।
डेमोक्रेट्स बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से ट्रंप के खिलाफ़ महाभियोग पारित होने के बाद मामला सीनेट में जाएगा जहां उनका अपराध तय करने के लिए ट्रायल चलेगा। क्या वक्त से पहले यानी 20 जनवरी से पहले सीनेट से ये प्रस्ताव पास हो जाएगा? फिलहाल ये सवाल बना हुआ है।