पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पीएम इमरान खान की पार्टी ‘ पाकिस्तान तहरीके इंसाफ’ को विदेशी फंडिंग मामले में प्रमुख दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। बता दे की इस आदेश से इमरान खान की मुसीबत और बढ़ सकती है। ईसीपी की एक जांच समिति ने इस माह के आरंभ में अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि पीटीआई ने विदेशी नागरिकों, संस्थानों व गुप्त बैंक खातों से प्राप्त चंदे को बड़े पैमाने पर आयोग से छिपाया।
रिपोर्ट में कहा गया था कि सत्तारूढ़ दल ने वित्त वर्ष 2009-10 और वित्त वर्ष 2012-13 के बीच चार साल की अवधि में 31.2 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का चंदा आयोग से छिपाया। जिसके बाद वर्ष-वार विवरण से पता चलता है कि 14.50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अकेले वित्त वर्ष 2012-13 में आयोग को कम बताई गई थी। खबरों के मुताबिक अब इस चंदे से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाएगा। और इसमें 3 जुलाई, 2018 के अपने पत्र में पाकिस्तान सरकार से ईसीपी द्वारा मांगे गए सभी कागजात शामिल होंगे।
बता दे की पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा ने दस्तावेज सार्वजनिक करने का आदेश मंगलवार को जारी किया। जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों को गुप्त रखा गया था इसके अलावा रिपोर्ट के किसी भी हिस्से को गोपनीय नहीं रखे जाने के निर्देश दिए गए और पूरी रिपोर्ट याचिकाकर्ता को मुहैया कराई जाने के निर्देश दिए गए इसमें कहा गया है कि ईसीपी ने दस्तावेजों को सार्वजनिक डोमेन से दूर रखा था क्योंकि पीटीआई ने इस मामले में सत्तारूढ़ पार्टी के संस्थापक सदस्य और याचिकाकर्ता अकबर एस बाबर के साथ दस्तावेजों को साझा करने पर आपत्ति जताई थी।
वही जांच समिति की रिपोर्ट ने पाकिस्तान में सियासी तूफान ला दिया है। जिसे लेकर विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पर तीखे हमले करने शुरू कर दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पारदर्शिता के इमरान खान के दावे की कलई खुल गई है। इसके साथ ही विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सांसद शाजिया मैरी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी को प्रतिबंधित स्रोतों से चंदा मिल रहा था और पीटीआई के सदस्य देश से झूठ बोल रहे थे।