चीन के आर्थिक गुलाम बनते जा रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ड्रैगन की धमकी से डर गए हैं। अब इमरान खान दासू पनबिजली परियोजना पर हुए आतंकी हमले में हताहत हुए चीनी नागरिकों को अरबों रुपये का मुआवजा देने जा रहे हैं।बता दे की पाकिस्तान सरकार 36 चीनी नागरिकों को मुआवजा देगी जिसमें से 10 की आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी। वहीं 26 अन्य घायल हो गए थे। चीन ने कंगाली की हालत से गुजर रहे पाकिस्तान के मुआवजा देने में आनाकानी करने से काम बंद करने की धमकी दी थी।
रिपोर्ट के अनुसार इस मुआवजे को लेकर चीन और पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया था। इमरान सरकार 4 तरीके का मुआवजा देने जा रही है जिसमें 81 करोड़ रुपये से लेकर 3.6 अरब रुपये तक का मुआवजा शामिल है। इसके अलावा इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि पाकिस्तान कानूनी रूप से या समझौते की शर्त के रूप में मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं था। इसके बाद भी इमरान खान सरकार चीनी धमकी के आगे झुक गई और अब अरबों रुपये मुआवजा देगी।
विश्व बैंक डासू प्रॉजेक्ट के लिए पैसा दे रहा है इस हमले में 4 पाकिस्तानी नागरिक भी मारे गए थे। बता दे की इमरान खान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती से बचने के लिए पहले इस घटना को गैस लीकेज करार दिया था जिससे चीन भड़क गया था और उसने सीपीईसी की बैठक को रद कर दिया था। इसके साथ ही चीनी ठेकेदार ने दासू प्रॉजेक्ट पर काम भी बंद कर दिया था। इसके बाद इमरान सरकार ने माना कि यह आतंकी हमला है।
बता दे की मुआवजे के रूप चीनी कंपनी ने में 3.7 करोड़ डॉलर की भारी भरकम राशि की मांग की थी। चीन की दादागिरी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने जो मुआवजा मांगा था, वह चीन में इसी तरह से होने वाले हमले में मिलने वाले मुआवजे से भी अधिक था। इसके अलावा चीन की सीपीईसी परियोजना लगातार पाकिस्तान में झटके खा रही है। बता दे की एक तरफ जहां काम की रफ्तार धीमी हुई है, वहीं नए प्रॉजेक्ट की मंजूरी भी दोनों तरफ से ठप हो गई है।