पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम मोदी पर तंज़ कसते हुए कहा कि उन मोदी के लिए खतरा कहाँ था? कोई भी उनके एक किलोमीटर के दायरे में नहीं था।उनपर कोई पत्थर नहीं फेंका गया,कोई गोली नहीं चलाई गई, कोई नारे नहीं लगाए गए।तो आप कैसे कह सकते हैं कि ‘मैं जिंदा बच गया’! इस तरह के संवेदनशील बयान बड़े नेता दें,वो दें जिन्हें लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप में वोट दिया।यह कैसे सही हो सकता है,आपको जिम्मेदार बयान देना चाहिए।प्रधानत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर रैली के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले में पंजाब की पूरी कैबिनेट बचाव की मुद्रा में है।इसी बीच अब इस मामले में स्पष्टीकरण देते सीएम चन्नी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,जिसमें वे पीएम मोदी के लिए तू और तुसी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
टांडा में हुई रैली का वीडियो हुआ वायरल
आपको बता दें कि वायरल वीडियो टांडा में हुई रैली का है।जिसमे सीएम चन्नी लोगों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि बठिंडा एयरपोर्ट पर हमारे वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को कहा कि चन्नी जी को बोल देना कि मैं जान बचाकर आ गया।ओ यार,कोई खतरा तैनू होया नी,तुसी ऐने जिम्मेवारी पोस्ट दे बंदे हो…तुहाडे नेडे बंदा नी कोई आया,कोई नारा नी वजया,कोई डला नहीं चलया, कोई गोली नहीं चल्ली…केडी जान वचाके आगे जी तुसी..मैं इस गल्ल ते हैरान हां।इसके साथ ही उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की तस्वीर के साथ एक ट्वीट किया कि जिसे कर्त्तव्य से ज्यादा जान की फ़िक्र हो,उसे भारत जैसे देश में बड़ी जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।इसे पोस्ट को भी पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले से जोड़ रहे है।
घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा -चन्नी
इसके अलावा चन्नी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिरोजपुर की घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं और अपनी जान का खतरा बताकर राज्य की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराना चाहते हैं।आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदर्शनकारी उनसे एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर थे तो पीएम की जान को खतरा कैसे हो सकता है।इसके साथ ही चन्नी ने कहा कि अगर उनकी पुलिस ने बुधवार को फिरोजपुर में पीएम के काफिले के सामने सड़क पर धरना देने आए किसानों पर बल प्रयोग किया होता तो बरगाड़ी जैसी एक और घटना हो जाती,तब बादलों और हमारे बीच कोई अंतर नहीं रह जाता।जब समझा-बुझाकर और आश्वासन देकर प्रदर्शनकारियों को हटाया जा सकता है,तो केंद्र हमसे बल प्रयोग की उम्मीद क्यों करता है?