देश में पिछले करीब ढाई महीनों से कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चल रहा है। करीब 12 दौर की वार्ता, ट्रैक्टर रैली, दिल्ली में हिंसा और इंटरनेशनल लेवल पर बहस के बावजूद गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। वहीं इस बीच आज पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा पर सदन को संबोधित करते कई अहम बातें कहीं। किसानों और कृषि कानून की जरूरत को लेकर पीएम मोदी ने जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी तक जिनती भी सरकारें आईं है वो बड़े किसानों को तो लाभ पहुंचाती रही लेकिन छोटे किसान को हमेशा हाशिए पर रखा गया। हमेशा छोटे किसान उस लाभ से वंचित रह जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर भरोसा दिलाया कि देश में एमएसपी था, है और आगे भी जारी रहेगा।
वहीं इसे लेकर कृषि आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं में से एक भाकियू के राकेश टिकैत ने कहा है कि हमने कब कहा कि एमएसपी खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि एमएसपी को लेकर सरकार कानून बनाए ताकि पूरे देश के किसानों को इसका फायदा मिल सके। मौजूदा वक्त में एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है और ऐसे में व्यापारी किसानों को लूट रहे हैं।
वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं की जा सकती। इस दौरान राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि उन्हें अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े। अगर पीएम मोदी ऐसा करते हैं तो उसके लिए किसानों का ये मोर्चा धन्यवाद करेगा।
दरअसल 12 दौर की वार्ता के बाद भी किसानों की मांगों को लेकर सरकार और किसानों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। हालांकि सरकार की तरफ से किसानों को कानूनों को डेढ़ साल के लिए होल्ड करने का प्रस्ताव दिया गया था जिसे किसान संगठनों ने खारिज कर दिया था। अब दोनों ही पक्ष वार्ता के जरिए गतिरोध सुलझाने की बात कर रहे हैं लेकिन ये वार्ता अब कब होगी इसका इंतजार किया जा रहा है।