बिहार में विधान सभा चुनाव की सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। रोज नई डिमांड और नए प्रस्ताव सामने आ रहे हैं। पुराने साथियों में तनाव दिख रहा है तो नए साथियों में नजदीकी की खबर है। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे बिहर का सियासी टेंप्रेचर लगातार बढ़ रहा है। एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर तल्खी ना सिर्फ बढ़ती जा रही है बल्कि इस विवाद का हल होता नहीं दिख रहा है।
वहीं सीट बंटवारे को लेकर एनडीए की साथी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का तेवर और तीखे होते जा रहे हैं। पूरे विवाद के बीच एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज अहमद कैफी के एक बयान ने इस पूरे विवाद को और तेज कर दिया है। कैफी ने अपने बयान में चिराग पासवान को सीएम कैंडिडेट करार दे दिया है।
दरअसल शाहनवाज अहमद कैफी ने कहा कि अगर एलजेपी को सीट बंटवारे में एनडीए सम्मानजनक सीटें नहीं देता है तो रास्ते अलग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी 143 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कैफी के इस बयान से चिराग पासवान और जेपी नड्डा के बीच हुई मुलाकात पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल सोमवार को दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच सीट बंटवारे पर मुलाकात हुई थी और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पार्टी में सहमति नहीं बन सकी है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं और जल्द ही कोई आधिकारिक बयान जारी हो सकता है
दरअसल शाहनवाज कैफी ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भी भावना है कि चिराग पासवान सीएम फेस बनें। हालांकि पार्टी का स्टैंड है कि अगर जीत हमारी हुई तो सीएम भाजपा का हो। क्योंकि भाजपा ही बिहार और बिहारियों का चौतरफा विकास कर सकती है। दरअसल इससे पहले भी चिराग पासवान कई बार कह चुके हैं कि वो हर हाल में बीजेपी के साथ खड़े रहेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी पर उन्हें पूरा भरोसा है।