तालिबान और अमेरिका के बीच में तल्खियां लगातार बढ़ती नजर आ रही हैं. बताया जा रहा है कि अमेरिकी फौज की वापसी के बाद से अफगानिस्तान में हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं. तालिबान लगातार अमेरिका से अफगान सरकार के जब्त किए गए पैसों को जारी करने की अपील कर रहा है. जिसके चलते इस बीच अमेरिकी नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन तालिबान से खासे नाराज हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि तालिबान पिछले दो साल से अमेरिकी नौसेना के दिग्गज मार्क फ्रेरिच को बंधक बनाए हुए है
राष्ट्रपति जो बाइडन के मुताबिक दो साल पहले अमेरिकी नौसेना के दिग्गज मार्क फ्रेरिच को अफगानिस्तान में बंधक बना लिया गया था. उन्होंने कहा एक सिविल इंजीनियर जिसने अफगानिस्तान के लोगों की मदद करते हुए एक दशक बिताया. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. फिर भी तालिबान ने उन्हें 2 साल से बंदी बना रखा है. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अमेरिकियों या किसी भी निर्दोष नागरिक की सुरक्षा को धमकाना अस्वीकार्य है और बंधक बनाना क्रूरता और कायरता का कार्य है.
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि तालिबान को तुरंत मार्क को रिहा कर देना चाहिए, इससे पहले कि वह वैधता के लिए अपनी आकांक्षाओं पर किसी भी विचार की उम्मीद कर सके. यह तोलमोल करने लायक नहीं है. वही ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि तालिबान अमेरिकी कैदियों के बदले बाइडन प्रशासन से कोई डील करने की कोशिश कर रहा था.
जानकारी के मुताबिक अक्टूबर में अमेरिका के डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी वैली एडेयमो ने बताया कि उन्होंने ऐसी कोई स्थिति नहीं देखी, जिसमें तालिबान को फंड तक पहुंचने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा दुनियाभर के कई दूसरे देश सीधे तालिबान के हाथ में पैसा सौंपने से इनकार कर चुके हैं. इसके बावजूद भारत, अमेरिका समेत कई दूसरे देश अफगान लोगों की मदद के लिए विदेशी सहायता एजेंसियों के जरिए राहत सामग्री भेज रहे हैं.
इसके अलावा पिछले 20 साल से अफगानिस्तान की नागरिक सरकार को अमेरिका समेत कई देशों से भारी मात्रा में पैसा दिया जाता था. लेकिन अब तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अपने देश के बैंकों में जमा अफगानिस्तान सरकार के सभी फंड को प्रतिबंधित कर दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि तालिबान अफगानिस्तान और अर्थव्यवस्था को कैसे बचाएगा