टूलकिट केस की आरोपी निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट से तीन हफ्ते की राहत मिल गई है। यानि पुलिस अब उसे अगले 3 हफ्ते तक गिरफ्तार नहीं कर पाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज निकिता की तरफ से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे अंतरिम राहत दे दी है।
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तारी से बचने के लिए यह अंतरिम राहत भी उसे कुछ शर्तों के साथ मिली है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने टूलकिट मामले में बेंगलुरु से पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार करने के बाद निकिता जैकब की तलाश तेज कर दी थी।
स्पेशल सेल ने कोर्ट से निकिता और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी इश्यू करवाए थे। बताया जा रहा है कि खालिस्तान संगठन से जुड़े पोइट फ़ॉर जस्टिस के एमओ धालीवाल ने कनाडा में रह रहे अपने सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया। इनका मकसद गणतंत्र दिसव के मौके पर ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना था।
बता दें कि निकिता पेशे से वकील है। वो पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं है। 4 दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता जैकब के घर गयी थी, तब उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई थी।
उस वक्त शाम हो गयी थी इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं कि गई, टीम ने कहा कि वो कल फिर आएंगे लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहां पहुंची वो गायब मिली। इसके बाद से स्पेशल सेल की टीम निकिता की तलाश में थी। लेकिन निकिता को बॉम्बे हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है।
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