Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड / उत्तराखंड में ओमिक्रॉन की दहशत से पर्यटक रद्द कर रहे बुकिंग

उत्तराखंड में ओमिक्रॉन की दहशत से पर्यटक रद्द कर रहे बुकिंग

ऋषिकेश में राफ्टिंग और कैंपिंग के व्यवसाय पर कोरोना का साया फिर से मंडराने लगा है। जिसके चलते अब राफ्टिंग और कैंपिंग करने आ रहे सैलानियों की संख्या में गिरावट आ रही है। वही प्रदेश की सीमाओं पर कोरोना जांच होने से पर्यटकों को परेशानी हो रही है। कई पर्यटकों ने अपनी ऑनलाइन बुकिंग रद्द कर दी हैं। 

उत्तराखंड में ओमिक्रॉन की दहशत से पर्यटक रद्द कर रहे बुकिंग

राफ्टिंग और कैंपिंग का कारोबार हुआ प्रभावित

कोरोना संक्रमण की वजह से लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती और तपोवन क्षेत्र में राफ्टिंग और कैंप संचालक मंदी की मार से धीरे-धीरे उबरने शुरू हो रहे थे। बता दे की जैसे ही व्यवस्थाएं पटरी पर दौड़नी शुरू हुई थीं वैसे ही अब देश में नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है।

जिसके चलते शासन और प्रशासन अलर्ट हो गए हैं। और प्रदेेश की सीमाओं में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच बढ़ा दी गई है। जीका असर राफ्टिंग और कैंपिंग के कारोबार पर पड़ रहा है। 

पिछले 24 घंटे में मिले 17 नए संक्रमित

गंगा नदी रीवर राफ्टिंग रोटेशन समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट, राफ्ट व्यवसायी राज कुमार और अनुराग पयाल के मुताबिक देश, विदेश में नए वैरिएंट की दस्तक से पर्यटकों में डर का माहौल है।

अब इसका असर तीर्थनगरी में संचालित राफ्टिंग और कैंपिंग पर पड़ रहा है। राफ्टिंग और कैंपिंग को आने वाले पर्यटकों ने ऑनलाइन बुकिंग रद्द कर दी हैं। वही वीकेंड पर भी पर्यटकों की संख्या कम हो गई है। अब स्थिति यह है कि यहां व्यवसाय 30 से 35 प्रतिशत ही रह गया है।

सुरक्षा के प्रति ध्यान, और मास्क के प्रति बढ़ा रुझान 

बता दे की कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद लोगों में डर बढ़ गया है। उत्तराखंड में नया वैरिएंट हालांकि, नहीं मिला है, लेकिन दूसरे देशो में इसका बढ़ता खतरा देख लोग अपनी और अपनों की सुरक्षा पर ध्यान देने लगे हैं। जिसके चलते बाजार में मास्क, सैनिटाइजर, केप और ग्लब्स की बिक्री बढ़ गई है। बीते एक महीने में 35 प्रतिशत से अधिक का कारोबार में तेजी है। इसमें सबसे ज्यादा मास्क और ग्लब्स की बिक्री बढ़ी है। 

यह भी पढ़ें: पंजाब में कमेटियों को दी मंजूरी, जिलों में प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू तो चुनाव कमेटी में दिखाई अपनी ‘ताकत’

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पब्लिक मास्क, सैनेटाइजर, कैप और ग्लब्स का जमकर उपयोग कर रही थी। और लोगो ने हर जगह सैनिटाइजर का भी खूब उपयोग किया। सरकारी कार्यालयों से लेकर दुकानों में सैनिटाइजर से हाथों को स्प्रे कर ही सामान दिया जा रहा था। इतना ही नहीं लोग अपनी जेब में सैनिटाइजर की शीशी साथ रखकर चल रहे थे। जो खुद इसका इस्तेमाल करने के साथ ही संपर्क में आने वाले लोगों के हाथों को भी सैनिटाइज कराकर उसका फायदा भी बता रहे थे। 

कोरोना के कम होते ही लोगों ने सुरक्षा के तमाम नियमों को अपनाना छोड़ दिया था ना तो कोई मास्क लगा रहा था और ना ही कोई सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहा था। अब जब देश में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दस्तक दी है। तब पब्लिक ने फिर से इन चीजों का इस्मेताल करना शुरू कर दिया है। बता दे की दवा की थोक मंडी से लेकर मेडिकल स्टोरों पर सैनिटाइजर, कैप, ग्लब्स, मास्क की डिमांड बढ़ गई है।

About News Desk

Check Also

JNU के बाद अब Jamia में भी ऑनलाइन कक्षाएं, छात्र इस तारीख से करेंगे कैंपस में प्रवेश

Written By : Amisha Gupta दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) विश्वविद्यालय ने …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com