चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के एक युवक का भारतीय क्षेत्र से अपहरण कर लिया है, जहां चीन ने 2018 में 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया था. किशोर के दोस्त भागने में सफल रहे. जिसके बाद उन्होंने घटना की सूचना अधिकारियों को दी और मामला अरुणाचल प्रदेश के एक सांसद तापिर गाओ के ध्यान में लाया गया.जिसके चलते इस मामले के तूल पकड़ लिया और बाद में भारतीय सेना ने मामले का संज्ञान लेते हुए चीनी सेना से संपर्क किया है और भारतीय युवक को वापस लौटाने की बात कही है.
खबरों के मुताबिक यह घटना अपर सियांग जिले की बताई गई है. सांसद तापिर गाओ ने ट्वीट किया,की जिदो गांव के 17 वर्षीय श्री मिराम तारोन को भारतीय क्षेत्र के लुंगटा जोर क्षेत्र से सियुंगला क्षेत्र में अपहरण कर लिया है. यह इलाका अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले का है इसके साथ ही उसके दोस्त पीएलए की गिरफ्त से भाग निकले और अधिकारियों को सूचना दी. केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध है कि वे उसकी जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं.’
सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चाउना मीन और भारतीय सेना से अपहृत भारतीय युवक की जल्द रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. बता दें की 18 जनवरी 2022 को यह अपहरण किया गया.
वही इस मुद्दे को राहुल गांधी ने गणतंत्र दिवस से जोड़ते हुए भारत सरकार को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, ‘गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है- हम मीराम तारौन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे. PM की बुजदिल चुप्पी ही उनका बयान है. उन्हें फर्क नहीं पड़ता!’
बता दे की हाल ही में, चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के नाम बदल दिए थे, जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था और कहा गया था कि बीजिंग का ऐसा कदम इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है.